UPI : यूपीआई चार्जबैक को लेकर आयी नई व्यवस्था, ग्राहकों को होगा फायदा

By Ankit Jaiswal | Updated: June 24, 2025 • 8:41 AM

NPCI ने चार्जबैक को लेकर शुरू किए नए नियम

राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा शुरू की जा रही नई यूपीआई चार्जबैक व्यवस्था ऐसे ग्राहकों को भी राहत देगी, जिनके रिफंड दावे पहले खारिज कर दिए गए थे। नए नियमों में बैंकों को यह छूट दी गई है कि वे पुराने खारिज किए गए मामलों की फिर से जांच कर सकें। एनपीसीआई ने दिसंबर 2023 में पाया था कि कुछ लोग बार-बार चार्जबैक कर रहे हैं और प्रणाली का दुरुपयोग कर रहे हैं। इसलिए इसकी सीमा तय कर दी गई थी। अगर किसी ग्राहक ने महीने में 10 से ज्यादा बार या किसी एक व्यक्ति के साथ पांच से ज्यादा बार चार्जबैक किया हो तो उसका अगला रिफंड (refund) दावा खारिज कर दिया जाता था, लेकिन अब यह भी माना गया है कि कुछ वास्तविक दावे भी इन नियमों की वजह से रुक रहे हैं। इसी को देखते हुए यह नई व्यवस्था लाई गई है।

नई चार्जबैक प्रणाली को लेकर पुराने मामले फिर जांचेंगे बैंक

नई चार्जबैक प्रणाली पहले से मौजूद दावा प्रक्रिया के साथ मिलकर काम करेगी और बैंकों को अतिरिक्त सुविधा देगी कि वे पुराने खारिज किए गए मामलों को फिर से जांच कर सकें। इस बदलाव का सबसे बड़ा लाभ उपभोक्ताओं को होगा, क्योंकि उन्हें बार-बार शिकायत दर्ज करने की जरूरत नहीं होगी। बैंक खुद यह पहचान लेंगे कि किन मामलों में रिफंड योग्य स्थिति है और उसी आधार पर रिफंड प्रक्रिया को फिर से शुरू कर सकेंगे।

अनुमति की जरूरत खत्म

नए नियमों में अब बैंकों को रकम वापस करने के लिए एनपीसीआई से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। इस नई व्यवस्था के तहत यदि कोई लेनदेन असफल हो जाता है या तकनीकी खामी के कारण ग्राहक के खाते से पैसा कटकर भी लाभार्थी तक नहीं पहुंचता, तो बैंक उस लेनदेन को दोबारा एनपीसीआई को सीधे भेजकर रिफंड की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे।

नई चार्जबैक व्यवस्था से किसे होगा फायदा?

गलत ट्रांजैक्शन की स्थिति में क्या करें?

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