UPI सिस्टम आज से बदला : Google Pay, PhonePe और यूजर्स जरूर पढ़ें

By Anuj Kumar | Updated: August 1, 2025 • 8:39 AM

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI सिस्टम को और ज़्यादा सुरक्षित, स्थिर, और यूज़र-फ्रेंडली बनाने के लिए 1 अगस्त 2025 से कई अहम बदलावों की घोषणा की है। ये अपडेट्स आमतौर पर रोजाना (UPI) इस्तेमाल करने वाले लाखों यूज़र्स – खासकर गूगल पे, फोनपे, पेटीएम और अन्य ऐप्स के उपयोगकर्ताओं – के अनुभव को प्रभावित करेंगे।

भले ही ये बदलाव बड़े स्तर पर नज़र न आएं, लेकिन यह निश्चित रूप से उन यूज़र्स के लिए अहम हैं जो दिनभर में कई बार UPI ट्रांजैक्शन करते हैं या ऑटोपे जैसी सुविधाएं यूज़ करते हैं। आइए जानते हैं कि इस अपडेट में क्या-क्या नए नियम शामिल हैं और इसका आपके डिजिटल भुगतान पर क्या असर पड़ेगा।

  1. ट्रांजैक्शन स्टेटस की जांच होगी अब और तेज़

अब जब भी आपका UPI पेमेंट फेल या पेंडिंग स्टेट में जाएगा, तो उसका अपडेटेड स्टेटस अब कुछ ही सेकंड्स में मिल सकेगा। पहले जहां फेल ट्रांजेक्शन की स्थिति जानने में 2-3 दिन तक का इंतज़ार करना पड़ता था, अब वही काम रियल-टाइम में हो सकेगा। इससे अनिश्चितता कम होगी और यूज़र को भरोसेमंद अनुभव मिलेगा।

 2. नए बैंक अकाउंट लिंक करने का प्रोसेस होगा सख्त

अगर आप अपने UPI ऐप में कोई नया बैंक अकाउंट जोड़ना चाहते हैं, तो अब आपको एक सख्त वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कोई फ्रॉड या फर्जी अकाउंट लिंक न किया जा सके। नए खाते को जोड़ने के लिए बैंक द्वारा अतिरिक्त जानकारी मांगी जा सकती है, जिससे यूज़र की सुरक्षा और मजबूत होगी।

3. बैलेंस चेकिंग पर लगेगी लिमिट

रोज़ाना बार-बार बैलेंस चेक करने पर अब पाबंदी लग सकती है। NPCI इस पर एक प्रतिदिन की सीमा तय करने जा रहा है ताकि सर्वर लोड को कम किया जा सके और बैलेंस चेकिंग सिस्टम का दुरुपयोग रोका जा सके। इससे नेटवर्क की कार्यक्षमता बेहतर बनेगी और तकनीकी गड़बड़ियों की संभावना घटेगी।

 4. ऑटोपे ट्रांजेक्शन्स के लिए तय होगा टाइम स्लॉट

UPI ऑटोपे यूज़र्स के लिए एक नया नियम लागू होने जा रहा है। अब अगर आप किसी सब्सक्रिप्शन (जैसे OTT, रेंट एग्रीमेंट या (SIP) में बदलाव करना चाहते हैं, तो आपको वह रिक्वेस्ट रात 12 बजे से सुबह 7 बजे के बीच ही भेजनी होगी। यह नियम इसलिए लाया गया है ताकि पीक ऑवर्स (सुबह 5 बजे से रात 9:30 बजे तक) में नेटवर्क पर ट्रैफिक कम हो और ऑटोपे संबंधी कार्य स्मूद तरीके से पूरे हो सकें। इन पीक घंटों में सिर्फ नॉटिफिकेशन भेजी जाएगी, बदलाव नहीं किया जा सकेगा

  यूज़र्स को क्या करना होगा?


UPI का मालिक कौन है?

इसे सुनेंयूपीआई भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई), भारतीय बैंक संघ और भारतीय रिजर्व बैंक की एक पहल है।

भारत में UPI की शुरुआत कब हुई थी?

इसे सुनेंएकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI)

पायलट लॉन्च 11 अप्रैल 2016 को मुंबई में आरबीआई के गवर्नर डॉ. रघुराम जी राजन द्वारा किया गया था। बैंकों ने 25 अगस्त, 2016 से अपने यूपीआई-सक्षम ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर पर अपलोड करना शुरू कर दिया है।

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