नई दिल्ली: नवरात्रि के आगमन के साथ ही देशभर में गरबा और डांडिया के आयोजनों की धूम शुरू हो गई है, लेकिन इस बार ये उत्सव विवादों के घेरे में आ गए हैं। विश्व हिंदू परिषद (VHP) और उसके सहयोगी संगठनों ने गरबा पंडालों में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश देने की सख्त एडवाइजरी जारी की है। इसे लेकर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश तक सियासी और सामाजिक बवाल मच गया है। विपक्षी दल इसे सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की साजिश बता रहे हैं, जबकि VHP लव जिहाद और धर्मांतरण के खतरे की दुहाई दे रहा है। आइए, इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं।
VHP की एडवाइजरी: ‘गरबा देवी पूजा है, विधर्मियों का प्रवेश वर्जित’
VHP ने स्पष्ट कहा है कि गरबा-डांडिया कोई साधारण नृत्य नहीं, बल्कि देवी दुर्गा की आराधना का पावन रूप है। इसलिए, इसमें केवल हिंदू ही भाग ले सकते हैं। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीराज नायर ने 21 सितंबर को बयान जारी कर कहा, “गरबा मूर्ति पूजा पर आधारित है। जो लोग मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं करते, उन्हें इसमें शामिल होने का कोई हक नहीं।”
VHP के एक अन्य प्रवक्ता विनोद बंसल ने आगरा में कहा कि नवदुर्गा गरबा उत्सव में ‘विधर्मियों’ (गैर-हिंदुओं) की एंट्री बिल्कुल नहीं होनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि लव जिहाद और धर्मांतरण जैसे षड्यंत्रों से सावधान रहना जरूरी है। प्रवेश के लिए सुझाव दिए गए हैं- पहचान पत्र (आधार कार्ड) की जांच, माथे पर तिलक लगाना, कलाई पर कलावा बांधना, और दुर्गा माता के सामने हवन कराना। बिना इनके एंट्री निषिद्ध।
मध्य प्रदेश के भोपाल में तो गरबा पंडालों पर विवादित होर्डिंग तक लग गए। इनमें लिखा था- “गरबे के पंडाल में जिहादियों का आना सख्त मना है। पकड़े जाने पर घर वापसी कराई जाएगी या उचित कार्रवाई होगी।” होर्डिंग पर लट्ठ, जूते-चप्पल की तस्वीरें भी थीं, जिससे विवाद और भड़क गया। कानपुर में VHP और बजरंग दल ने पुलिस कमिश्नर व जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा, जिसमें गैर-हिंदुओं की एंट्री पूरी तरह रोकने की मांग की गई। उनका आरोप- मुस्लिम युवक लव जिहाद के लिए इन आयोजनों में घुसते हैं।
राज्यवार रिएक्शन: महाराष्ट्र से यूपी तक सियासी जंग
- महाराष्ट्र: यहां विवाद सबसे ज्यादा भड़का। BJP विधायक नितेश राणे ने VHP का खुला समर्थन किया। उन्होंने कहा, “गरबा गुजरात का लोक नृत्य है, जो नवरात्रि से जुड़ा है। लेकिन अब ये लव जिहाद का अड्डा बन गया है। मुसलमानों के आने का कोई कारण नहीं, सिवाय लव जिहाद के। अगर कोई आता है तो उसका धर्म परिवर्तन करा दें।” दूसरी तरफ, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने इसे “देश में सांप्रदायिक माहौल बनाने की साजिश” बताया। उन्होंने कहा, “ये महाराष्ट्र या पूरे देश के लिए ठीक नहीं।” केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले (रिपब्लिकन पार्टी) ने VHP की एडवाइजरी को “सामाजिक समरसता के लिए खतरा” करार दिया। उन्होंने चेताया कि ये कट्टरपंथी तत्वों को हिंसा और जबरदस्ती का न्योता दे रही है।
- उत्तर प्रदेश: कानपुर में VHP-बजरंग दल का ज्ञापन सबसे मुखर रहा। संगठनों ने कहा कि गरबा आयोजनों में गैर-हिंदू युवक छद्म वेश में घुसकर हिंदू लड़कियों को निशाना बनाते हैं। यूपी सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
- मध्य प्रदेश: भोपाल के होर्डिंग विवाद ने राज्य में तनाव बढ़ा दिया। स्थानीय प्रशासन ने होर्डिंग हटाने का आदेश दिया, लेकिन VHP ने इसे “हिंदू भावनाओं का अपमान” बताया।
अन्य राज्यों जैसे गुजरात में भी आयोजक सतर्क हैं, लेकिन बड़े विवाद की खबरें अभी नहीं आईं। विपक्षी दल जैसे कांग्रेस ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
व्यापक प्रभाव: लव जिहाद एंगल पर सवाल, सामाजिक समरसता पर खतरा?
ये विवाद न केवल धार्मिक आयोजनों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि लव जिहाद जैसे संवेदनशील मुद्दों को फिर से उछाल रहा है। आलोचक कहते हैं कि VHP की एडवाइजरी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा देगी, जबकि समर्थक इसे “हिंदू संस्कृति की रक्षा” बताते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे दिशानिर्देश आयोजकों के लिए कानूनी चुनौतियां पैदा कर सकते हैं, क्योंकि संविधान की धारा 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देती है।
नवरात्रि के पहले दिन (22 सितंबर) से ही कई जगहों पर चेकिंग शुरू हो गई है, लेकिन ये विवाद उत्सव की खुशी पर साया डाल रहा है। क्या सरकारें इस पर सख्ती करेंगी या इसे सामाजिक बहस तक सीमित रखेंगी? आने वाले दिनों में और अपडेट्स की उम्मीद है।