VISA इंटेग्रिटी फी ढाई गुना होगी महंगी, भारतीय स्टूडेंट पर पड़ेगा असर

By Anuj Kumar | Updated: July 13, 2025 • 12:20 PM

नई दिल्ली । भारत के कई सारे लोग अमेरिका (America) में भी रहते हैं। कोई वहां पढ़ाई कर रहा है तो कोई नौकरी। कुछ लोग कई सालों से अमेरिका में बसे गए हैं और कुछ लोग घुमने अमेरिका जाते हैं। पहले तो अमेरिकी वीजा मिलना ज्यादा मुश्किल नहीं था और खर्चा भी ज्यादा होता था, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नए कानून, जिसका नाम वन बिग ब्यूटीफुल बिल (Big Beautiful Bill) है, इसके लागू होने के बाद अमेरिका जाना महंगा हो जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने इस नए कानून को पास किया है

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने इस नए कानून को पास किया है और इस बिल पर 4 जुलाई को साइन किया था। इस कानून के तहत 2026 से एक नया शुल्क लागू होगा वीजा इंटेग्रिटी फी। इसके लागू होते ही अमेरिकी वीजा पहले से 2.5 गुना महंगा हो जाएगा। इसका असर सीधे तौर पर स्टूडेंट, टूरिस्ट और आईटी सेक्टर में काम करने वाले प्रोफेशनल्स पर पड़ेगा।

चीनी नागरिकों पर लगने वाला 30 डॉलर का ईवीयूएस टैक्स शामिल है

कानून के मुताबिक जिस व्यक्ति को गैर अप्रवासी वीजा जारी किया जाएगा, उसे यह शुल्क चुकाना होगा। इसे होमलैंड सुरक्षा विभाग कलेक्ट करेगा। अमेरिका की इमीग्रेशन कंसल्टिंग कंपनी ने कहा कि वीजा इंटीग्रिटी फीस यात्रा से जुड़े शुल्कों में एक बड़े सुधार का हिस्सा है। इसमें आई-94 पर 24 डॉलर का शुल्क, वीजा वेवर प्रोग्राम में 13 डॉलर की लागत और चीनी नागरिकों पर लगने वाला 30 डॉलर का ईवीयूएस टैक्स शामिल है। यह एक नया 250 डॉलर यानी करीब 21,400 रुपए का शुल्क है।

यह फीस 2026 से लागू होगी। यह फीस नॉन-रिफंडेबल होगी। यह हर साल महंगाई दर के आधार पर बदली जा सकती है। वीजा इंटेग्रिटी फी लागू होने का मतलब है कि जो वीजा 16 हजार रुपए में बन जाता था, वह अब 40 हजार से ज्यादा में बनेगा


वीजा के 4 प्रकार क्या होते हैं?

उदाहरण के लिए भारत में ११ तरह के वीजा जारी किए जाते हैं, जैसे टूरिस्ट, बिजनेस, जर्नलिस्ट, ट्रांसिट, एंट्री,बिजनेस, आन अराइवल,पार्टनर आदी। एंट्री वीजा भारतीय मूल के व्यक्ति को भारत आने के समय दिया जाता है।


अमेरिका का वीजा कितने साल का होता है?

अमेरिकी वीज़ा की अवधि वीज़ा के प्रकार और यात्रा के उद्देश्य पर निर्भर करती है। पर्यटन और व्यावसायिक यात्रा के लिए जारी किए गए B1/B2 वीज़ा आमतौर पर 10 साल के लिए वैध होते हैं, लेकिन प्रत्येक यात्रा पर रहने की अवधि 6 महीने तक सीमित हो सकती है. छात्र वीज़ा (F-1) शैक्षणिक कार्यक्रम की अवधि के लिए वैध होते हैं, जबकि कार्य वीज़ा की अवधि विशिष्ट वीज़ा श्रेणी और रोजगार की शर्तों के आधार पर अलग-अलग होती है. 

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