पटना। बिहार में आने वाले पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) इस बार पूरी तरह नई तकनीक के साथ आयोजित किए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पहली बार मल्टी-पोस्ट ईवीएम (Multi Post EVM) के जरिए पंचायत और नगरपालिका आम चुनाव कराने का निर्णय लिया है। इस नई प्रणाली के तहत मतदाता एक ही मशीन पर मुखिया, सरपंच, पंच, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य—कुल छह पदों के लिए वोट डाल सकेंगे।
32 हजार से अधिक मल्टी-पोस्ट ईवीएम का ऑर्डर
चुनाव आयोग ने इस व्यवस्था को लागू करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL), हैदराबाद को 32,000 से अधिक मल्टी-पोस्ट ईवीएम बनाने का ऑर्डर दिया है। अधिकारी बताते हैं कि अप्रैल 2026 तक सभी मशीनें बिहार निर्वाचन आयोग को उपलब्ध करा दी जाएंगी।
राज्यभर के अधिकारियों को दी जाएगी विशेष ट्रेनिंग
मशीनें आने के बाद पूरे राज्य में चुनावी अधिकारियों को व्यापक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर और पोलिंग कर्मियों को मशीन की कमीशनिंग प्रक्रिया—जैसे प्रत्याशियों के नाम, चुनाव चिह्न और क्रम सेट करना—के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके साथ ही मल्टी-पोस्ट ईवीएम के लिए पावर पैक, टोटलाइज़र मशीन और डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल भी खरीदे जा रहे हैं।
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एक कंट्रोल यूनिट के साथ छह बैलेट यूनिट,मतदान होगा आसान
मल्टी-पोस्ट ईवीएम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि एक ही कंट्रोल यूनिट से छह बैलेट यूनिट जोड़ी जाएंगी, जिन पर छह अलग-अलग पदों का चुनाव कराया जाएगा। इसके अलावा, एक चरण की मतगणना खत्म होते ही मशीन को कुछ घंटों में रीसेट कर अगले चरण के मतदान में उपयोग किया जा सकेगा।अब तक बिहार में पंचायत चुनाव भारत निर्वाचन आयोग की पुरानी एम-3 ईवीएम से कराए जाते थे, जिसमें हर पद के लिए अलग-अलग मशीनों का इस्तेमाल होता था।
नई मशीन में NOTA का विकल्प नहीं
नई मल्टी-पोस्ट ईवीएम में NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) का विकल्प नहीं होगा। राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग को 208 करोड़ रुपये का बजट उपलब्ध कराया है।चुनाव आयोग के अनुसार, नई मशीनें मतदाताओं को सुविधा देने के साथ-साथ चुनाव प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और कम खर्चीला बनायेंगी।
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