USA से F-35 फाइटर जेट नहीं खरीदेगा भारत? लोकसभा में दे दिया जवाब

By Vinay | Updated: August 1, 2025 • 2:57 PM

अमेरिका से F-35 फाइटर जेट खरीदने के सवाल पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में दिए लिखित जवाब में कहा है कि इस मुद्दे पर अभी अमेरिका से कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है. महाराष्ट्र से आने वाले कांग्रेसी सांसद बलवंत बसवंत वानखड़े ने लोकसभा में विदेश मंत्रालय से 3 सवालों के जवाब मांगे थे. जिसमें से एक F-35 की खरीद पर था. विदेश मंत्रालय ने जवाब में लिखा है, “13 फरवरी 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ प्रधान मंत्री की बैठक के बाद भारत-अमेरिका ज्वाइंट स्टेटमेंट में बताया गया है कि अमेरिका भारत के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (जैसे F-35) और समुद्र के नीचे की प्रणालियों (अंडर सी सिस्टम्स) को जारी करने पर अपनी नीति की समीक्षा करेगा. इस मुद्दे पर अभी तक कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है.”

भारत अमेरिका से F-35 फाइटर जेट नहीं खरीदेगा: पूरी खबरहाल की खबरों के अनुसार, भारत ने अमेरिका से अत्याधुनिक F-35 स्टील्थ फाइटर जेट खरीदने की संभावना को फिलहाल खारिज कर दिया है। यह निर्णय अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद आया है, जिसने दोनों देशों के बीच व्यापारिक और रणनीतिक संबंधों में तनाव पैदा किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि भारत F-35 जेट खरीदने में रुचि नहीं रखता। यह प्रस्ताव पहली बार फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप द्वारा दिया गया था।


 भारतीय वायुसेना को अपनी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों की जरूरत है, क्योंकि वर्तमान में इसके पास केवल 32 स्क्वॉड्रन हैं, जबकि आवश्यकता 42 स्क्वॉड्रन की है। कुछ समय पहले यह दावा किया गया था कि वायुसेना ने रक्षा मंत्रालय को F-35 खरीदने की सिफारिश की थी, ताकि चीन के साथ उन्नत लड़ाकू विमानों का अंतर कम किया जा सके। हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने लोकसभा में लिखित जवाब में कहा कि F-35 खरीद को लेकर अमेरिका के साथ कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई है।


 भारत का यह निर्णय स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने की नीति से भी जुड़ा है। सरकार उन्नत मध्यम युद्धक विमान (AMCA) परियोजना पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो पांचवीं पीढ़ी का स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट है। AMCA के पहले प्रोटोटाइप के लिए 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, और इसे 2030 तक वायुसेना में शामिल करने की योजना है। इसके अलावा, भारत रूस के Su-57 फाइटर जेट पर भी विचार कर रहा है, जो F-35 की तुलना में सस्ता और भारत में निर्मित हो सकता है।


 ट्रंप के टैरिफ और भारत के रूस से हथियार और तेल खरीदने के फैसले ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाया है। भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर F-35 डील को ठंडे बस्ते में डालकर यह संदेश दिया है कि वह दबाव में फैसले नहीं लेगा। इसके बजाय, भारत व्यापार वार्ता को प्राथमिकता दे रहा है और अमेरिकी आयात बढ़ाने के विकल्प तलाश रहा है।

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