Yellow River: सीएम योगी के आह़्वान पर सजीव हो उठी पीली नदी

By Ajay Kumar Shukla | Updated: July 15, 2025 • 1:57 PM

लखनऊ। यूपी के सीएम योगी के आह़्वान पर पीली नदी सजीव हो उठी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विलुप्त हो चुकी नदियों के पुनरोद्धार का भागीरथ प्रयास रंग लाने लगा है। सीएम योगी (CM Yogi) के प्रयासों का ही परिणाम है कि अब तक प्रदेश भर में कई नदियां फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौट आयीं है। भारतीय संस्कृति में भी नदियों को केवल जलाधाराएं (water bodies) नहीं बल्कि जीवनदायिनी शक्तियां माना गया है ।

पीली नदी का जनसहयोग से पुनरोद्धार

इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन को विजन के रूप में धरातल पर उतारने के लिए जौनपुर में गोमती नदी की सहायक पीली नदी का जनसहयोग से पुनरोद्धार किया गया। इससे पीली नदी अपने पुराने स्वरूप में दिखने लगी है। वहीं नदियों के किनारे पौधों को रोपा गया है, जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहे और किसानों को फायदा मिले।

गोमती की प्रमुख सहायक है पीली नदी, 61.2 किमी लंबी है जलधारा

जौनपुर जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और एक जनपद, एक नदी’ अभियान के तहत जौनपुर की ऐतिहासिक पीली नदी का पुनरोद्धार कार्य प्रेरणादायक जनआंदोलन के रूप में उभर कर सामने आया। पीली नदी जौनपुर में बहने वाली पीली नदी गोमती नदी की सहायक नदी है। इसकी कुल लंबाई 61.2 किमी है, जिसमें से 43 किमी जौनपुर में प्रवाहित होती है। यह नदी बदलापुर तहसील के देहुणा गांव से निकलकर भलुआ, खनपुर, बहुर, सिरिकना, रामपुर आदि गांव से गुजरती हुई बेलवां गांव के पास गोमती नदी में मिल जाती है

पीली नदी के किनारे बना प्राचीन शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार

सांस्कृतिक दृष्टि से यह नदी जौनपुर की सामाजिक स्मृतियों में गहराई से रची बसी है। जिलाधिकारी ने बताया कि 11 जून से 2 जुलाई तक चला नदी पुनरोद्धार अभियान के जरिये नदी की 25 किमी लंबी धारा को पुनर्जीवित किया गया। इस कार्य को जनसहभागिता और जनजागरूकता के माध्यम से पूरा किया गया। पीली नदी के किनारे स्थित ग्राम देवरिया में प्राचीन शिव मंदिर का जीर्णोद्धार भी अभियान का हिस्सा रहा। ऐसे में सावन मास से पहले जीणोद्धार का संकल्प लिया गया, जिसे क्षेत्र की धार्मिक आस्था को और बल मिलेगा।

नदी के दोनों किनारों पर रोपे गये 11 हजार पौधे

जिलाधिकारी ने बताया कि पीली नदी का उद्गम सुल्तानपुर-प्रतापगढ़ के मुरैनी ताल से हुआ है। इसकी कुल लंबाई करीब 70 किमी है जबकि जौनपुर में लंबी 43 किमी. की है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नदी के दोनों किनारों पर हरियाली बढ़ाने और पारिस्थितिक संतुलन बनाने के लिए एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत 11 हजार पौधे लगाए गए। इसके साथ ही 15 अगस्त तक कुल 51 हजार वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस पुनरोद्धार कार्य से न केवल पर्यावरणीय संतुलन होगा, बल्कि किसानों को जल आपूर्ति में भी सुधार मिलेगा। नदी के पुनजीवित होने से आसपास के किसानों को सिंचाई के लिए अधिक पानी मिलेगा, जिससे उनकी कृषि गतिविधियों को सहारा मिलेगा।

जौनपुर ज़िले में लगभग 7 महत्वपूर्ण नदियाँ हैं।

  1. गोमती (Gomti)
  2. सई (Sai)
  3. वरुणा (Varuna)
  4. बसूही (Basuhi)
  5. पीली (Pili)
  6. मामुर (Mamur)
  7. गांगी (Gangi/)

गोमती नदी का पुराना नाम क्या है?

गोमती नदी का प्राचीन नाम गौमती या गौमती ही माना जाता है। कुछ ग्रंथों में इसे गोधा या गोधावरी भी कहा गया है, लेकिन “गौमती” ही सबसे अधिक स्वीकृत और प्राचीन नाम है।

जौनपुर में कितने गांव हैं?

जौनपुर जनपद में लगभग 4,000 से अधिक गांव हैं। हालांकि, सटीक संख्या समय-समय पर बदल सकती है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इसमें करीब 4,080 ग्राम पंचायतें और उससे भी अधिक राजस्व गांव शामिल हैं।

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