2025 में शारदीय नवरात्रि की शुरुआत
शारदीय नवरात्रि(Navratri) का पावन पर्व इस साल 22 सितंबर, 2025 से शुरू हो रहा है। पंचांग के अनुसार, हर साल की तरह यह आश्विन मास(Ashwin month) की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होगा। इस वर्ष, माता दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसे ज्योतिष में एक अत्यंत शुभ संकेत माना जाता है। नवरात्रि(Navratri) के पहले दिन, जिसे घटस्थापना(Ghatasthapana) के रूप में भी जाना जाता है, मां दुर्गा के पहले स्वरूप, मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी। इन नौ दिनों में, भक्त मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा कर उनकी कृपा प्राप्त करते हैं, जिससे घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
इस बार 9 दिन के बजाय 10 दिन होगी नवरात्रि

इस बार शारदीय नवरात्रि(Navratri) पूरे 10 दिन की होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि पंचांग के अनुसार, तृतीया तिथि दो दिनों तक रहेगी। 24 सितंबर, 2025 को सूर्योदय के साथ ही तृतीया तिथि का आरंभ होगा और यह अगले दिन यानी 25 सितंबर को सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक रहेगी। इस कारण, 24 और 25 सितंबर दोनों दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। यह स्थिति तब बनती है जब कोई तिथि सूर्योदय के साथ शुरू होकर अगले दिन भी सूर्योदय के समय तक रहती है। इस प्रकार, भक्त लगातार 10 दिनों तक मां दुर्गा की उपासना कर सकेंगे।
शारदीय नवरात्रि 2025 का पूरा कैलेंडर
नवरात्रि के 10 दिनों का विस्तृत कैलेंडर इस प्रकार है:
22 सितंबर, 2025: पहला दिन – मां शैलपुत्री की पूजा
23 सितंबर, 2025: दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
24 सितंबर, 2025: तीसरा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा
25 सितंबर, 2025: चौथा दिन – मां चंद्रघंटा की पूजा
26 सितंबर, 2025: पांचवां दिन – मां कूष्माण्डा की पूजा
27 सितंबर, 2025: छठा दिन – मां स्कंदमाता की पूजा
28 सितंबर, 2025: सातवां दिन – मां कात्यायनी की पूजा
29 सितंबर, 2025: आठवां दिन – मां कालरात्रि की पूजा
30 सितंबर, 2025: नौवां दिन – मां महागौरी की पूजा
1 अक्टूबर, 2025: दसवां दिन – मां सिद्धिदात्री की पूजा
शारदीय नवरात्रि 2025 में कितने दिन के व्रत होंगे?
शारदीय नवरात्रि(Navratri) 2025 में कुल 10 दिनों तक व्रत और पूजा की जाएगी, क्योंकि इस बार तृतीया तिथि दो दिनों तक पड़ रही है।
इस बार मां दुर्गा किस वाहन पर आ रही हैं और इसका क्या महत्व है?
इस बार मां दुर्गा का आगमन हाथी पर हो रहा है, जिसे ज्योतिष में सुख, शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
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