चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह पर्व वसंत ऋतु में आता है, जिसे वासंतिक नवरात्रि भी कहा जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है, जो भक्तों को आत्मशुद्धि और आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त
इस बार चैत्र नवरात्रि का पर्व 29 मार्च 2025 से शुरू होगा और 7 अप्रैल 2025 तक रहेगा। नवरात्रि के पहले दिन कई शुभ योगों का संयोग बन रहा है, जिससे पूजा का प्रभाव कई गुना अधिक होगा।
नवरात्रि के दिन बनने वाले शुभ योग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन, कई शुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा के दौरान विशेष लाभ प्रदान करेंगे।
- सर्वार्थ सिद्धि योग
- एंद्र योग
- शुक्रादित्य योग
- बुधादित्य योग
- लक्ष्मीनारायण योग
इन योगों के दौरान पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि, सम्मान और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:03 बजे से लेकर 7:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद, दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इन दोनों समयों में आप घटस्थापना और पूजा कर सकते हैं।
नवरात्रि के व्रत का महत्व
नवरात्रि के व्रत से व्यक्ति आत्मशुद्धि प्राप्त करता है। यह पर्व भक्ति, संयम और साधना का प्रतीक है। इस दौरान तामसिक पदार्थों से दूर रहते हुए सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी जाती है।
- नवरात्रि व्रत से व्यक्ति को बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।
- यह पर्व भारतीय समाज में एकता का प्रतीक है, और विभिन्न राज्यों में इसे विभिन्न नामों से मनाया जाता है, जैसे कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में इसे उगादी के रूप में मनाया जाता है, और कश्मीर में इसे नवरेह कहा जाता है।
- नवरात्रि हिंदू नव वर्ष की शुरुआत भी मानी जाती है।
नवरात्रि के पर्व से जुड़ी अन्य खास बातें
- इस साल माता हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो शुभ संकेत माना जाता है।
- नवरात्रि पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का अनुभव होता है।
निष्कर्ष
चैत्र नवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक और भौतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस दौरान किए गए उपवास और पूजा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं।