नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम विवाद: ट्रोलिंग पर नीरज ने तोड़ी चुप्पी, बयां किया दर्द
भारत के गोल्ड मेडल विजेता और स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा हाल ही में एक विवाद के केंद्र में आ गए, जब उन्होंने पाकिस्तान के एथलीट अरशद नदीम की तारीफ करते हुए उन्हें भारत बुलाने की बात कही। इसके बाद सोशल मीडिया पर नीरज को ट्रोल किया जाने लगा। अब नीरज चोपड़ा ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ी है और ट्रोलिंग को लेकर अपना दर्द बयां किया है।
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नीरज चोपड़ा का बयान: “खेल भावना को समझें”
नीरज चोपड़ा ने एक वीडियो और ट्वीट के ज़रिए स्पष्ट किया कि उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह पूरी तरह से खेल भावना के तहत था। उन्होंने कहा:
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“मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मेरा उद्देश्य केवल खेल और एथलीटों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है, न कि किसी राजनीतिक या व्यक्तिगत एजेंडे को।”
क्या है पूरा मामला?
पेरिस ओलंपिक 2024 में अरशद नदीम ने 92.97 मीटर की थ्रो करके गोल्ड मेडल जीता, जबकि नीरज ने 89.45 मीटर की थ्रो के साथ सिल्वर पर कब्जा किया। इसके बाद नीरज ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अरशद जैसे खिलाड़ी को भी बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए और अगर संभव हो तो उन्हें भारत बुलाकर ट्रेनिंग करवाई जानी चाहिए।
इसी बात पर कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने नीरज को ट्रोल करना शुरू कर दिया और अरशद नदीम के खिलाफ डोप टेस्ट की मांग उठाई, जिसे बाद में पूरी तरह से गलत और भ्रामक बताया गया।
अरशद नदीम पर डोप टेस्ट की अफवाहें
वायरल खबरों में दावा किया गया था कि अरशद नदीम डोपिंग में शामिल थे, लेकिन असल में यह केवल एक रूटीन डोप टेस्ट था, जो सभी टॉप एथलीट्स पर किया गया था। किसी भी जांच में अरशद पर कोई दोष नहीं पाया गया।
नीरज चोपड़ा और अरशद नदीम: एशियाई एथलेटिक्स की नई पहचान
भारत के नीरज चोपड़ा और पाकिस्तान के अरशद नदीम आज के समय में एशिया के सबसे बड़े जैवलिन थ्रोअर माने जाते हैं। दोनों ने न सिर्फ अपने-अपने देश का नाम रोशन किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि खेल सरहदें नहीं देखता।
कॉमनवेल्थ गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप में प्रदर्शन
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक 2021 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद उन्होंने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल हासिल किया।
अरशद नदीम ने भी कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में 90+ मीटर की थ्रो करके गोल्ड जीता और पाकिस्तान के लिए नया रिकॉर्ड बनाया।
दोनों की यह परफॉर्मेंस इस बात का संकेत है कि एशिया भी अब जैवलिन थ्रो में विश्वस्तर पर मजबूत हो रहा है।