जेन-जी विरोध प्रदर्शनों का भयावह नतीजा
काठमांडू: नेपाल(Nepal) में हाल ही में हुए जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आग लगा दी गई, जिससे वह पूरी तरह से नष्ट हो गया। इस भयावह घटना के बाद, अब नई सरकार के गठन के बाद न्यायपालिका ने अपना काम फिर से शुरू कर दिया है, लेकिन एक बेहद असामान्य तरीके से। सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) अब अपने परिसर में खुले आसमान के नीचे टेंट लगाकर काम कर रहा है। नेपाल(Nepal) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सर्वोच्च न्यायालय को इस तरह की परिस्थितियों में संचालित होना पड़ रहा है। इस आगजनी में कोर्ट के सभी पुराने और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए, जिससे लंबित मामलों की सुनवाई में भारी बाधा आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट की सीमित कार्यवाही
वर्तमान में, नेपाल(Nepal) का सुप्रीम कोर्ट सीमित रूप से ही काम कर पा रहा है। ‘खबरहब’ की रिपोर्ट के अनुसार, पहले दिन अदालत ने नए मामलों की जानकारी ली, कुछ पुराने मामलों की तारीखें आगे बढ़ाईं, और रिट याचिकाओं तथा बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं पर सुनवाई की। हालांकि, अभी नियमित सुनवाई शुरू नहीं हो पाई है। अदालत को उन मामलों की सुनवाई टालनी पड़ रही है जिनके दस्तावेज आग में जलकर नष्ट हो गए हैं। नेपाल(Nepal) बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजय प्रसाद मिश्रा(Bijay Prasad Mishra) ने बताया कि हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और जल्द ही महिलाओं से जुड़े मामलों, बंदियों के मामलों और राष्ट्रीय मुद्दों पर प्राथमिकता से सुनवाई शुरू की जाएगी।
वकीलों की निराशा और भविष्य की आशा
इस हमले पर वकीलों ने गहरा दुख और निराशा व्यक्त की है। अधिवक्ता तारा प्रसाद आर्यल ने न्यायपालिका पर हमले को “बेहद दुखद” बताया, क्योंकि यह जनता के विश्वास की संस्था पर हमला था। वहीं, अधिवक्ता कमल कोइराला ने कहा कि भले ही पुराने मामलों की सुनवाई को स्थगित करना पड़ रहा है, लेकिन प्रारंभिक सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि धीरे-धीरे सभी सेवाएं बहाल हो जाएंगी। यह घटना नेपाल(Nepal) की कानूनी प्रणाली के लिए एक बड़ा झटका है, लेकिन टेंट में भी न्याय देने का यह प्रयास देश की न्यायपालिका की लचीलापन और प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में टेंट के नीचे कामकाज क्यों शुरू किया गया है?
नेपाल(Nepal) में जेन-जी विरोध प्रदर्शनों के दौरान सुप्रीम कोर्ट को आग लगा दी गई थी, जिससे इमारत पूरी तरह नष्ट हो गई। इसी कारण, अस्थायी रूप से टेंट लगाकर कामकाज शुरू किया गया है।
आगजनी के कारण कोर्ट के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?
आगजनी में कोर्ट के सभी पुराने और महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं, जिससे लंबित मामलों की सुनवाई करना और उन्हें आगे बढ़ाना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
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