हैदराबाद : तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) भट्टी विक्रमार्क और राज्य के कृषि मंत्री तुम्मला (Minister Tummala) नागेश्वर राव ने गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बाढ़ मुआवज़ा देने के मुद्दे पर मुलाकात की और उनसे मुआवज़ा देने का आग्रह किया।
पाम ऑयल पर आयात शुल्क को 44% पर बहाल करने का अनुरोध
कृषि मंत्री तुम्मला ने वित्त मंत्री से पाम ऑयल पर आयात शुल्क को 44% पर बहाल करने का अनुरोध किया। उन्होंने कृषि उपकरणों और ड्रिप सिंचाई उपकरणों पर 12% जीएसटी छूट देने का भी अनुरोध किया। उन्होंने वित्त मंत्री से हथकरघा कपड़ों पर 5% जीएसटी छूट देने का अनुरोध किया। इस बैठक में राज्य के वित्त विभाग के प्रधान सचिव संदीप कुमार सुल्तानिया, कृषि विभाग के सचिव रघुनंदन राव, केंद्र सरकार की परियोजनाओं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के समन्वय सचिव गौरव उप्पल ने भाग लिया।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को तीन मामले पर ज्ञापन दिया
इसी क्रम में तेलंगाना के कृषि, विपणन, सहकारिता, हथकरघा और वस्त्र मंत्री तुम्माला नागेश्वर राव ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को राज्य के किसानों और बुनकरों को प्रभावित करने वाले प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए तीन ज्ञापन प्रस्तुत किए। अपनी पहली अपील में, मंत्री ने कृषि मशीनरी, उपकरणों और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों पर 12% जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की।
तेलंगाना के हथकरघा बुनकरों की दुर्दशा पर केंद्रित अपने दूसरे पत्र का ज़िक्र करते हुए, तुम्माला ने कहा कि हथकरघा उत्पादों पर 5% जीएसटी के कारण बुनकर संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने खादी क्षेत्र की तरह हथकरघा उत्पादों पर भी पूरी छूट देने की माँग की। अपने तीसरे ज्ञापन में, मंत्री ने कच्चे पाम तेल (सीपीओ) पर आयात शुल्क में कमी के प्रभाव पर चिंता जताई।
बाढ़ मुआवजा क्या है?
वह आर्थिक सहायता होती है जो सरकार बाढ़ से प्रभावित लोगों को देती है। इसका उद्देश्य बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई करना होता है, जैसे– घर का नुकसान, फसल का नुकसान, मवेशी हानि, या रोजगार छिन जाना आदि।
बाढ़ से बचाव के क्या-क्या उपाय हैं?
बचने के लिए कई उपाय किए जा सकते हैं।
नदियों के किनारे बंधों (Embankments) का निर्माण
वर्षा जल निकासी की बेहतर व्यवस्था
बाढ़ में कितना पैसा खर्च हुआ?
बाढ़ से कितना नुकसान हुआ और राहत कार्यों में कितना पैसा खर्च हुआ, इसकी सही जानकारी राज्य या केंद्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट से मिलती है।
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