हवाई किराए में बढ़ोतरी पर सरकार का बड़ा कदम(New Delhi)

हवाई किराए

हवाई किराए: हवाई सफर हर आम आदमी का सपना होता है, लेकिन बढ़ती टिकट कीमतों से अब खास लोग भी परेशान हो रहे हैं। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर वैट कम करने के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखा है।

लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान हवाई किराए में बढ़ोतरी का मामला उठने पर नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया कि हवाई किराए का 45% खर्च ATF की लागत पर निर्भर करता है। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ राज्य ATF पर 29% तक वैट वसूल रहे हैं, जिससे एयरलाइंस का परिचालन महंगा हो जाता है और यात्रियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।

मंत्री ने यह भी बताया कि कुछ राज्यों ने ATF पर वैट घटाकर 5% या उससे भी कम कर दिया है, जबकि तमिलनाडु अभी भी 29% वैट वसूल रहा है, जो देश में सबसे अधिक है। इस असमानता के कारण हवाई यात्रा महंगी होती जा रही है। सरकार का यह कदम हवाई किराए को नियंत्रित करने और आम यात्रियों को राहत देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

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हवाई किराए में कमी के लिए केंद्र सरकार की पहल

नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने स्पष्ट किया कि हवाई किराया मांग और आपूर्ति पर निर्भर करता है तथा सरकार टिकटों की कीमतें तय नहीं करती। हालांकि, एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) पर ऊंचा वैट किराए में बढ़ोतरी का एक प्रमुख कारण है।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संपर्क कर ATF पर वैट कम करने का अनुरोध किया है। उनका मानना है कि अगर राज्य सरकारें सहयोग करें, तो हवाई यात्रा को अधिक किफायती बनाया जा सकता है।

मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किराए की बढ़ोतरी सिर्फ वैट की वजह से नहीं होती, बल्कि ऑनलाइन बुकिंग प्लेटफॉर्म और मांग-आपूर्ति के संतुलन का भी इसमें अहम योगदान है। उन्होंने यह भी बताया कि नागरिक उड्डयन निदेशालय (DGCA) के पास एक टैरिफ निगरानी इकाई है, जो हवाई किराए पर नजर रखती है।

सरकार का उद्देश्य केवल वैट में कमी लाना नहीं है, बल्कि विमानन क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाकर किराए को सस्ता और सुलभ बनाना भी है। यह पहल आम यात्रियों के लिए राहत लेकर आ सकती है। अब यह राज्यों पर निर्भर करता है कि वे इस अपील पर कितनी जल्दी और प्रभावी रूप से अमल करते हैं।

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