स्मार्टफोन ने भारी वस्तुओं को पीछे छोड़ा
नई दिल्ली । नवीनतम सरकारी आंकड़ों के अनुसार, स्मार्टफोन आधिकारिक तौर पर वित्त वर्ष 2025 में भारत का शीर्ष निर्यातित सामान बन गया है, जिसने पेट्रोलियम उत्पादों और कटे हुए हीरे जैसे पारंपरिक भारी वस्तुओं को पीछे छोड़ दिया है। सरकारी समर्थन और एप्पल तथा सैमसंग जैसी दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनियों द्वारा मजबूत स्थानीय विनिर्माण के कारण, स्मार्टफोन निर्यात 2024-25 में 55 प्रतिशत बढ़कर 24.14 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 15.57 अरब डॉलर और 2022-23 में 10.96 अरब डॉलर था।
भारतीय उत्पादन को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करने में की मदद
आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में शिपमेंट में सबसे अधिक वृद्धि संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान में देखी गई। अमेरिका को निर्यात लगभग पांच गुना बढ़ा – वित्त वर्ष 23 में 2.16 बिलियन डॉलर से वित्त वर्ष 25 में 10.6 बिलियन डॉलर तक। इसी प्रकार, इसी अवधि के दौरान जापान को निर्यात चार गुना बढ़ गया, जो मात्र 120 मिलियन डॉलर से बढ़कर 520 मिलियन डॉलर हो गया। इस तीव्र वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप से सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को जाता है, जिसने वैश्विक निवेश आकर्षित करने, घरेलू विनिर्माण को बढ़ाने और भारतीय उत्पादन को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एकीकृत करने में मदद की है।

स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग का संयुक्त योगदान 94%
काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारत के स्मार्टफोन निर्यात में एप्पल और सैमसंग का संयुक्त योगदान 94 प्रतिशत होगा। स्थानीय विनिर्माण में उनके निरंतर निवेश ने स्मार्टफोन को देश की शीर्ष निर्यात वस्तु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में भारत में निर्मित स्मार्टफोन शिपमेंट में साल-दर-साल 6 फीसदी की वृद्धि होगी। वित्त वर्ष 2025 में भारत में प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग में खासकर एप्पल के लिए तेजी देखी गई।
सभी ब्रांडों के बीच सबसे अधिक वृद्धि
सोमवार को आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में एप्पल ने सभी ब्रांडों के बीच सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की, तथा रिकॉर्ड 3 मिलियन आईफोन की बिक्री की। अकेले आईफोन 16 सबसे ज्यादा बिकने वाला मॉडल था, जिसकी तिमाही में कुल स्मार्टफोन बिक्री में 4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। भारत का स्मार्टफोन बाजार भी अधिक महंगे मॉडल की ओर बढ़ रहा है। 2025 की पहली तिमाही में औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) रिकॉर्ड 274 डॉलर पर पहुंच गया, जबकि प्रीमियम सेगमेंट ($600- $800) में करीब 79 फीसदी की वृद्धि हुई। एप्पल के आईफोन 13 और 16 ने इस क्षेत्र में अपना दबदबा कायम किया, जिससे इसकी बाजार हिस्सेदारी और भी बढ़ गई।