हैदराबाद : हैदराबाद नगर सुरक्षा परिषद (HCSC) ने हैदराबाद नगर पुलिस के सहयोग (Hyderabad City Police) से नेकलेस रोड स्थित जल विहार में यातायात एवं सड़क सुरक्षा शिखर सम्मेलन 2025 का सफलतापूर्वक आयोजन किया। दो दिवसीय इस शिखर सम्मेलन में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के नेताओं, यातायात विशेषज्ञों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों, शिक्षाविदों और नागरिक समाज ने शहरी गतिशीलता और सड़क सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों और भविष्य के समाधानों पर विचार-विमर्श किया।
कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने किया
इस कार्यक्रम का उद्घाटन तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने किया और इसमें हैदराबाद पुलिस और एचसीएससी के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया। इस अवसर पर राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यातायात केवल भीड़भाड़ के बारे में नहीं है, बल्कि जीवन बचाने, रहने की स्थिति में सुधार लाने और जनता का विश्वास बनाने के बारे में भी है। उन्होंने कहा कि किसी शहर की पहचान और विकास उसकी यातायात स्थितियों से अभिन्न रूप से जुड़े होते हैं – सुरक्षित और कुशल गतिशीलता आधुनिकता, समावेशिता और प्रगति को दर्शाती है।
सड़क सुरक्षा का अर्थ है यह सुनिश्चित करना कि बच्चें सुरक्षित घर लौटें : राज्यपाल
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा का भावनात्मक जुड़ाव है, सड़क सुरक्षा का अर्थ है यह सुनिश्चित करना कि बच्चे सुरक्षित घर लौटें, मरीज़ समय पर अस्पताल पहुँचें और नागरिक तनावमुक्त होकर यात्रा करें। कॉर्पोरेट, शिक्षा जगत और प्रवर्तन एजेंसियों को गतिशीलता और सुरक्षा के लिए स्थायी समाधान मिलकर बनाने चाहिए।
यातायात किसी भी शहर के चरित्र का सबसे स्पष्ट प्रतिबिंब : सीवी आनंद
महानिदेशक एवं पुलिस आयुक्त, हैदराबाद सी.वी. आनंद ने प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि यातायात किसी भी शहर के चरित्र का सबसे स्पष्ट प्रतिबिंब होता है। 92 लाख से ज़्यादा वाहनों और रोज़ाना 1,500 नए वाहनों के साथ, हैदराबाद का यातायात प्रबंधन एक सुरक्षित और रहने योग्य शहर के रूप में इसकी प्रतिष्ठा का केंद्रबिंदु है। उन्होंने भीड़भाड़ को जीवन की गुणवत्ता का मुद्दा और आर्थिक चुनौती, दोनों बताया पहलों पर प्रकाश डाला।
एचसीएससी के महासचिव सी. शेखर रेड्डी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि हैदराबाद में दीर्घकालिक यातायात सुरक्षा केवल सामूहिक स्वामित्व के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है। विक्रम सिंह मान अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, एल एंड ओ, ने हैदराबाद के तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण और बहु-हितधारक भागीदारी – गैर सरकारी संगठन, उद्योग, अनुसंधान और नागरिकों – की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
सड़क यातायात सुरक्षा क्या है?
ह प्रणाली है जिसके अंतर्गत सड़क पर चलने वाले सभी लोगों — जैसे कि वाहन चालक, पैदल यात्री, साइकिल चालक आदि — की जान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमों, उपायों और तकनीकों को अपनाया जाता है। इसका उद्देश्य दुर्घटनाओं को रोकना, जीवन की रक्षा करना, और यातायात को सुचारू बनाना होता है।
यातायात के 10 नियम क्या हैं?
हमेशा बाईं ओर चलें – भारत में वाहन सड़क की बाईं ओर चलते हैं।
सीट बेल्ट पहनें – चारपहिया वाहन में ड्राइवर और आगे बैठे यात्री के लिए अनिवार्य।
हेलमेट पहनें – दोपहिया वाहन चालकों और पीछे बैठने वाले को भी अनिवार्य।
स्पीड लिमिट का पालन करें – गति सीमा से अधिक न चलें।
नो ड्रंक एंड ड्राइव – शराब पीकर गाड़ी चलाना अपराध है।
ट्रैफिक लाइट और सिग्नल का पालन करें – रेड लाइट पर रुकना अनिवार्य है।
मोबाइल का उपयोग न करें – गाड़ी चलाते समय फोन का इस्तेमाल खतरनाक और गैरकानूनी है।
ओवरटेक नियमों का पालन करें – दाईं ओर से सावधानीपूर्वक ओवरटेक करें।
पैदल यात्रियों को प्राथमिकता दें – ज़ेब्रा क्रॉसिंग पर पैदल चलने वालों को पहले जाने दें।
वाहन के दस्तावेज़ साथ रखें – जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, प्रदूषण प्रमाणपत्र आदि।
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