हैदराबाद : वैदिक शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, तेलंगाना भाजपा (Telangana BJP) के प्रदेश अध्यक्ष एन. रामचंदर राव ने आज कहा कि वैदिक शिक्षा न केवल ज्ञान प्रदान करती है, बल्कि बच्चों में धार्मिकता, देशभक्ति और सांस्कृतिक मूल्यों (Cultural values) का भी संचार करती है। भाजपा नेता ने नागोल के निकट कुंतलूर गाँव में श्री वेदव्यास विद्यालय ट्रस्ट का दौरा किया, जहाँ उन्होंने छात्रों और शिक्षकों से बातचीत की।
राष्ट्र के एक मजबूत भविष्य के निर्माण में संस्थान के योगदान की सराहना
उन्होंने समाज को आकार देने और राष्ट्र के एक मजबूत भविष्य के निर्माण में संस्थान के योगदान की सराहना की। पारंपरिक शिक्षा के महत्व पर ज़ोर देते हुए, राव ने कहा कि वैदिक शिक्षा समाज के लिए एक नैतिक दिशासूचक, राष्ट्र के लिए सांस्कृतिक गौरव का स्रोत और छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाने का मार्गदर्शक है। अपने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए, भाजपा नेता ने कहा कि उनका दैनिक राजनीतिक जीवन आमतौर पर लोगों की समस्याओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने से शुरू होता है।
इन छात्रों की भारत के भविष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी : भाजपा अध्यक्ष
हालाँकि, स्कूल के अपने दौरे के दौरान, उन्होंने कहा कि उन्हें भारत की समृद्ध वैदिक विरासत, संस्कृति और धर्म से गहरा जुड़ाव महसूस हुआ – इसे एक अनूठा और सौभाग्यशाली अनुभव बताया। नालंदा और तक्षशिला जैसे भारत के प्राचीन विश्वविद्यालयों को याद करते हुए, राव ने कहा कि वेदों ने हमेशा राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रों को वैदिक मूल्यों की शिक्षा देने के लिए श्री वेदव्यास स्कूल ट्रस्ट की प्रशंसा की, और कहा कि ये छात्र भारत के भविष्य को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगे।
वैदिक शिक्षा से आप क्या समझते हैं?
प्राचीन भारत की वह शिक्षा प्रणाली है जो वेदों, उपनिषदों, धर्मशास्त्रों और अन्य वैदिक ग्रंथों पर आधारित थी।इस शिक्षा में सिर्फ किताबों का ज्ञान नहीं, बल्कि जीवन जीने की संस्कृति, नैतिकता, आत्मअनुशासन और आध्यात्मिक चेतना भी सिखाई जाती थी।
Vedic education के जनक कौन थे?
वैदिक शिक्षा का कोई एक “जनक” (Father or Founder) नहीं माना जाता, क्योंकि यह ऋषि-मुनियों की सामूहिक देन थी।
लेकिन कुछ प्रमुख ऋषियों ने इसका विकास किया:
- महर्षि वेदव्यास – वेदों का संकलन और वर्गीकरण (ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद)।
- ऋषि वशिष्ठ, विश्वामित्र, भारद्वाज, याज्ञवल्क्य, पतंजलि आदि ने शिक्षा, दर्शन और आचारशास्त्र को आगे बढ़ाया।
Vedic education का हिंदी में क्या अर्थ है?
वेदों और वैदिक साहित्य पर आधारित शिक्षा प्रणाली, जो जीवन के आध्यात्मिक, नैतिक, सामाजिक और बौद्धिक विकास को समर्पित होती है।
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