नेशनल हाईवे पर स्मार्ट बनने की कोशिश अब भारी पड़ सकती है, क्योंकि (NHAI) ने ‘लूज FASTag’ यानी ढीले या गलत तरीके से लगाए गए फास्टैग के खिलाफ कड़ा कदम उठा लिया है। टोल प्लाजा पर हाथ में फास्टैग लेकर गुजरने या डैशबोर्ड पर रख देने की चालाकी अब नहीं चलेगी। अब अगर किसी वाहन पर फास्टैग सही तरीके से विंडस्क्रीन पर नहीं लगा मिला, तो उसे सीधे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा – और इसका मतलब है कि आपकी गाड़ी हाईवे पर आगे नहीं बढ़ पाएगी।
क्या है ‘लूज फास्टैग’ और क्यों बना चिंता का कारण?
‘लूज फास्टैग’ (Loose Fastag) उन फास्टैग को कहा जाता है जो वाहन की विंडस्क्रीन पर स्थायी रूप से चिपकाए नहीं जाते हैं। ऐसे टैग या तो चालक के हाथ में होते हैं, या कहीं और रखे जाते हैं जहां से स्कैन करना मुश्किल होता है। इस तरह के फास्टैग टोल कलेक्शन सिस्टम में गड़बड़ी पैदा करते हैं, जिससे टोल प्लाजा पर जाम लगना, स्कैनिंग में देर, चार्जबैक विवाद और अन्य तकनीकी समस्याएं सामने आती हैं।
NHAI ने क्यों उठाया सख्त कदम?
NHAI के मुताबिक, मल्टी-लेन फ्री फ्लो (MLFF) और एनुअल पास जैसे भविष्य की टोलिंग प्रणालियों को ध्यान में रखते हुए फास्टैग की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बेहद जरूरी है। ‘लूज फास्टैग’ न केवल सिस्टम की सटीकता को प्रभावित करता है, बल्कि टोल प्लाजा पर अन्य यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ता है।
इसी वजह से एनएचएआई ने लूज फास्टैग के उपयोग को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए एक सुव्यवस्थित और मजबूत प्रक्रिया तैयार की है। अब ऐसे मामलों की पहचान होते ही संबंधित फास्टैग को तुरंत ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
क्या भारत में कोई 12 लेन की सड़क है?
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे एक 1,350 किलोमीटर लंबा (840 मील), आठ लेन चौड़ा (12 लेन तक विस्तार योग्य) पहुंच-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है जो निर्माणाधीन (आंशिक रूप से चालू) है और भारत की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली को इसकी वित्तीय राजधानी मुंबई से जोड़ता है।
भारत का 14 लेन एक्सप्रेसवे कौन सा है?
82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के साथ दिल्ली में भीड़भाड़ कम करना, जिसमें 14 लेन वाला भारत का सबसे चौड़ा मार्ग है।
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