जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी आक्रमण के बाद देशभर में क्रोध फैल गया है। इसी बीच महाराष्ट्र के मंत्री और भाजपा नेता नितेश राणे ने एक विवादित बयान दिया है, जिसने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है।
नितेश राणे ने क्या कहा?
रत्नागिरी जिले के दापोली में एक सभा को संबोधित करते हुए नितेश राणे ने कहा कि अब हिंदुओं को किसी भी दुकानदार से सामान खरीदने से पहले उनका धर्म पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दुकानदार दावा करता है कि वह हिंदू है, तो उसे हनुमान चालीसा वर्णन के लिए कहना चाहिए। यदि वह हनुमान चालीसा नहीं श्रवण सके, तो उससे कुछ भी नहीं खरीदना चाहिए।

बयान का संदर्भ
नितेश राणे का यह बयान पहलगाम हमले के संदर्भ में आया है, जहां आतंकवादियों ने लोगों से धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आक्रमणकारी ने कई पर्यटकों से ‘कलमा’ पढ़ने को कहा और जो ऐसा नहीं कर पाए, उन्हें गोली मार दी गई।
पहलगाम हमला: क्या हुआ था?
22 अप्रैल 2025 को दक्षिण कश्मीर के लोकप्रिय पर्यटक स्थल पहलगाम में आतंकियों ने आक्रमण कर दिया था। इस हमले में कम से कम 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। हमलावरों ने पहचान सुनिश्चित करने के लिए पीड़ितों से उनका नाम और धर्म पूछा था।

नितेश राणे: देशभर में उबाल
इस हादसा के बाद से देशभर में पाकिस्तान और आतंकवाद के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है। राजनीतिक दलों और आम जनता ने सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की है।
विपक्ष और जनता की प्रतिक्रिया
नितेश राणे के बयान पर विरोधी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कई नेताओं ने इसे धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देने वाला बताया है। वहीं, कुछ हिंदू समूहो ने राणे के बयान का समर्थन करते हुए इसे “आत्म-संरक्षण का विधि ” बताया।