बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक 26 मार्च को बुलाई गई है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जायसवाल के घर होने वाली बैठक में चुनावी तैयारियों, सीट शेयरिंग जैसे मुद्दों पर तो चर्चा होगी ही. साथ में नीतीश कुमार की सेहत को लेकर भी चर्चा संभव है.

बिहार विधानसभा चुनाव की गतिविधियां अब रफ्तार पकड़ती जा रही हैं. एनडीए की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. महागठबंधन में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी चुनावी बिगुल मोतीहारी में रविवार को बजा दिया. वे वहां आरजेडी नेता के एक पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे.
इस मौके पर उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया. लालू ने तेजस्वी के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए लोगों से वोट करने की अपील की. साथ ही यह भी जोड़ा कि तेजस्वी की सरकार इसलिए जरूरी है कि माई-बहिन सम्मान योजना का लाभ महिलाओं को मिल सके.
NDA ने 26 को बैठक बुलाई
एनडीए अब आगे की रणनीति तय करने में जुटा है. एनडीए की इस बाबत एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली में 26 मार्च को होने जा रही है.
भाजपा सांसद संजय जायसवाल के आवास पर होने वाली बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल भाग लेंगे.
एनडीए में शामिल अन्य पार्टियों के नेताओं में कौन-कौन बैठक में भाग लेंगे, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. माना जा रहा है कि इस बैठक में चुनावी रणनीति तो बनेगी ही, नीतीश कुमार की सेहत को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इसी महीने के आखिर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी बिहार दौरा होने वाला है.
उनकी यात्रा के पहले हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. एनडीए में सीट शेयरिंग का मुद्दा भी बैठक में उठ सकता है.
जीतन राम मांग रहे 40 सीटें
टिकट बंटवारे को लेकर दोनों गठबंधनों के घटक दल अपनी-अपनी मांग रखते रहे हैं. एनडीए के दो बड़े दल भाजपा और जेडीयू के नेताओं ने तो अभी तक मुंह नहीं खोला है, लेकिन एलजेपी-आर के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान 60 सीटों की मांग कर रहे हैं तो हम (सेकुलर) के संस्थापक जीतन राम मांझी 40 सीटों पर अड़े हैं.
मांझी का तर्क है कि उनकी पार्टी 40 पर लड़ कर 20 सीटें तो पक्का जीत जाएगी. पिछली बार भाजपा और जेडीयू के हिस्से में क्रमशः 121 और 122 सीटें मिली थीं.
भाजपा ने अपने हिस्से की 11 सीटें मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (VIP) को दी थीं तो जेडीयू ने जीतन राम मांझी की पार्टी हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) को अपने हिस्से में एकोमोडेट किया था.
पिछली बार किसे कितनी सीटें
वर्ष 2020 में महागठबंधन में कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं. इनमें 19 पर ही जीत मिली. आरजेडी को यह बात काफी अखरी थी, क्योंकि दर्जन भर सीटों की कमी के कारण तेजस्वी यादव सरकार बनाने से चूक गए थे.
इसलिए आरजेडी की तैयारी इस बार कांग्रेस को उतनी सीटें नहीं देने की है. आरजेडी खुद 143 सीटों पर लड़ा.
सीपीआई (एमएल) को 19 सीटें मिली थीं. उसे 12 पर जीत मिली थी. बाकी सीटें सीपीआई और सीपीएम के खाते में गई थीं. कांग्रेस का कहना है कि आरजेडी ने जान-बूझकर उसे वैसी सीटें दी थीं, जहां उसकी हार पहले से तय थी.