North Korea Threat: किम जोंग उन के नए कदम से दहशत की लहर
दुनिया भर में एक बार फिर North Korea Threat को लेकर डर फैल गया है। किम जोंग उन ने हाल ही में जो फैसला लिया है, वह अब तक के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया था। यह कदम न केवल एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में, बल्कि वैश्विक राजनीति में हलचल मचा रहा है।
क्या किया किम जोंग उन ने?
किम जोंग उन ने इस बार North Korea Threat को और गंभीर बना दिया है।
उत्तर कोरिया ने अपनी पहली अंडरग्राउंड न्यूक्लियर मिसाइल टेस्टिंग की घोषणा की है। यह कदम इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि अब तक उनके मिसाइल परीक्षण समुद्र या खुले में होते थे, लेकिन अंडरग्राउंड टेस्टिंग का मतलब है कि वे युद्ध की तैयारी के एक नए स्तर पर पहुंच चुके हैं।
- पहली बार अंडरग्राउंड न्यूक्लियर मिसाइल टेस्ट
- जापान और दक्षिण कोरिया में हाई अलर्ट
- अमेरिका ने भी अपनी सुरक्षा रणनीति पर समीक्षा शुरू की

North Korea Threat का क्षेत्रीय असर
उत्तर कोरिया का ख़तरा के चलते दक्षिण कोरिया और जापान ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को अलर्ट कर दिया है।
वहां के नागरिकों को तैयार रहने की चेतावनी दी गई है।
अमेरिकी सेना ने गुआम बेस और जापान में अपनी मौजूदगी को मजबूत करना शुरू कर दिया है।
दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय का बयान:
“हम किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उत्तर कोरिया की उकसावे वाली हरकतों का जवाब दिया जाएगा।”
भारत पर क्या असर?
भले ही North Korea Threat सीधे तौर पर भारत के लिए खतरा न हो, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसके गंभीर प्रभाव हो सकते हैं:
- एशिया में व्यापार और निवेश पर असर
- तेल और गैस के दामों में अस्थिरता
- वैश्विक राजनीतिक अस्थिरता
भारत ने इस पर चिंता जाहिर की है और संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर शांति बनाए रखने की अपील की है।
North Korea Threat पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया और कई अन्य देशों ने किम जोंग उन के कदम की निंदा की है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी बैठक बुलाई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम उत्तर कोरिया को और अलग-थलग कर सकता है, लेकिन किम जोंग उन पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों का कोई खास असर नहीं दिख रहा।

किम जोंग उन की रणनीति क्या है?
कई विशेषज्ञ मानते हैं कि North Korea Threat का असली मकसद है:
अमेरिका और दक्षिण कोरिया पर दबाव बनाना
घरेलू राजनीतिक ताकत को मजबूत करना
अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी मौजूदगी को दिखाना
किम जोंग उन लंबे समय से पश्चिमी देशों से अपनी शर्तों पर बातचीत की कोशिश कर रहे हैं, और यह नया कदम उसी का हिस्सा हो सकता है। North Korea Threat का यह नया रूप पूरी दुनिया के लिए गंभीर चिंता का विषय है। किम जोंग उन ने जो कदम उठाया है, उससे यह साफ है कि आने वाले समय में एशिया-पैसिफिक में सैन्य और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ सकती है। भारत समेत सभी देशों को इस पर सतर्क रहना होगा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना होगा ताकि शांति बनी रहे।