अमेरिका और South Korea की इस हरकत पर भड़का उत्तर कोरिया, दी जवाबी कार्रवाई की धमकी
उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से अपने तीखे तेवर दिखाते हुए अमेरिका और South Korea को चेतावनी दी है। इस बार मामला इन दोनों देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास से जुड़ा हुआ है, जिसे उत्तर कोरिया ने “सीधी उकसावे की कार्रवाई” बताया है। किम जोंग उन की सरकार ने स्पष्ट कहा है कि यदि अमेरिका और दक्षिण कोरिया ने अपनी “शत्रुतापूर्ण गतिविधियां” बंद नहीं कीं, तो वह जवाबी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा।
क्या है मामला?
हाल ही में अमेरिका और South Korea ने कोरियाई प्रायद्वीप के पास एक साझा सैन्य अभ्यास शुरू किया है। इस अभ्यास में अत्याधुनिक हथियारों और रणनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया गया। अमेरिकी युद्धपोतों, लड़ाकू विमानों और साउथ कोरियन सेना की संयुक्त भागीदारी ने उत्तर कोरिया को नाराज कर दिया है।उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी KCNA ने इस अभ्यास को “आक्रामक युद्धाभ्यास” करार देते हुए कहा है कि यह उनके देश की संप्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप में जानबूझकर तनाव बढ़ा रहा है।

North Korea की चेतावनी
उत्तर कोरियाई रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है:
“हमारे धैर्य की भी एक सीमा है। यदि अमेरिका और उसके सहयोगी South Korea अपने सैन्य अभ्यास नहीं रोकते, तो हम अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाने को बाध्य होंगे।
“यह बयान ऐसे समय में आया है जब पहले से ही अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच कूटनीतिक संबंध बेहद तनावपूर्ण हैं।
क्या हो सकती है ‘जवाबी कार्रवाई’?
विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर कोरिया अपनी ‘जवाबी कार्रवाई’ के तौर पर मिसाइल परीक्षण कर सकता है। बीते कुछ वर्षों में, whenever अमेरिका या South Korea ने सैन्य अभ्यास किए हैं, उसके जवाब में उत्तर कोरिया ने मिसाइलें दागी हैं, जिनमें से कुछ तो जापान के ऊपर से भी गुजरी हैं।अमेरिका और जापान इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी अनहोनी के लिए सतर्क हैं। व्हाइट हाउस ने कहा है कि उनका यह अभ्यास ‘रक्षा उद्देश्य’ के तहत है और इसका उद्देश्य किसी को उकसाना नहीं है।

India की प्रतिक्रिया
भारत ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारत क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के पक्ष में है।भारत मानता है कि सभी पक्षों को संयम से काम लेना चाहिए और बातचीत के जरिए मतभेद सुलझाने चाहिए।
वैश्विक प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता जताई है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। वहीं चीन और रूस, जो उत्तर कोरिया के पुराने सहयोगी हैं, इस मसले पर चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन उनके रुख को लेकर पश्चिमी देश आशंकित हैं।कोरियाई प्रायद्वीप एक बार फिर तनाव की आग में झुलस रहा है। उत्तर कोरिया की चेतावनी और अमेरिका-South Korea की सैन्य तैयारियां आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में बड़े भू-राजनीतिक बदलाव का संकेत दे रही हैं। यह जरूरी है कि वैश्विक शक्तियाँ इस आग को भड़काने के बजाय इसे शांत करने के लिए काम करें।