Donald Trump, प्रशासन ने सोशल मीडिया ग्रुप चैट पर वार प्लान किया लीक

By digital@vaartha.com | Updated: March 25, 2025 • 5:36 AM

 अब पूरे अमेरिका में इस घटना की चर्चा है। व्हाइट हाउस ने मामले की समीक्षा करने की बात कही है। वहीं अमेरिका के रक्षा मंत्री ने खुलासा करने वाले पत्रकार की आलोचना की।

यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन का वार प्लान लीक हो गया। पूरे मामले में ट्रंप प्रशासन की गलती बताई जा रही है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान बनाया। मगर इसे सिग्नल ग्रुप चैट में शेयर कर दिया। खास बात यह है कि इस ग्रुप में ‘द अटलांटिक’ मैगजीन के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे।

ग्रुप में कौन-कौन था शामिल?

व्हाइट हाउस ने भी माना कि सिग्नल ग्रुप चैट में हूती विद्रोहियों पर हमले को लेकर चर्चा की गई थी। इसमें पत्रकार जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे। यह प्रामाणिक लग रहा है। गोल्डबर्ग ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने एक असुरक्षित ग्रुप चैट पर अत्यधिक संवेदनशील वार प्लान को साझा किया।

इस ग्रुप में रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और विदेश मंत्री मार्को रुबियो भी थे।

समीक्षा करने में जुटा व्हाइट हाउस

व्हाइट हाउस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ब्रायन ह्यूजेस ने सिग्नल ग्रुप चैट की सत्यता की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट किया गया थ्रेड प्रामाणिक लगता है। हम इस बात की समीझा करने में जुटे हैं कि अनजान नंबर को कैसे ग्रुप में जोड़ा गया?

हेगसेथ ने कहा- गोल्डबर्ग एक धोखेबाज पत्रकार

अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने गोल्डबर्ग की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कोई भी वार प्लान साझा नहीं किया गया है। गोल्डबर्ग एक धोखेबाज और अत्यधिक बदनाम व तथाकथित पत्रकार हैं। उन्होंने बार-बार झूठ फैलाने का पेशा बना लिया है।

डोनाल्ड ट्रंप ने उड़ाया मजाक

घटना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे इस घटना के बारे में कुछ भी नहीं पता है। बाद में ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एलन मस्क की पोस्ट को री-पोस्ट किया। इसमें लिखा था कि किसी शव को छिपाने के लिए सबसे अच्छी जगह अटलांटिक पत्रिका का पेज 2 है, क्योंकि वहां कभी कोई नहीं जाता।

वाल्ट्ज नाम के एक व्यक्ति ने ग्रुप में शामिल होने का अनुरोध भेजा। बाद में इसी ग्रुप में हूती विद्रोहियों पर हमले का प्लान साझा किया। व्हाइट हाउस के अन्य अधिकारियों के साथ सैन्य कार्रवाई पर चर्चा की गई। मगर मुझे लगा कि यह कोई और वाल्ट्ज है। लेकिन हमला होने के बाद ग्रुप में ही एक-दूसरे को बधाई संदेश भेजने लगे। तब विश्वास हुआ कि यह ट्रंप कैबिनेट है, जो मैसेजिंग एप पर युद्ध प्लान पर चर्चा कर रही थी।

यह एक सुरक्षा उल्लंघन

गोल्डबर्ग ने कहा कि मुझे लगता है कि मैंने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में एक बड़े सुरक्षा उल्लंघन का पता लगाया है। उन्होंने कहा कि अगर अटलांटिक के प्रधान संपादक को हथियार प्रणालियों, यमन में हमले का समय, मौसम आदि की जानकारी तक पहुंच दी जा रही है तो यह एक सुरक्षा उल्लंघन है।









































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