नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति चुनाव की गहमागहमी के बीच बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। अब तक विधायी कार्यों में संसद के अंदर भाजपा को समर्थन करने वाली ओडिशा की बीजू जनता दल (Biju Janta Dal) और तेलंगाना (Telangana) की भारतीय राष्ट्र समिति ने ऐलान किया है कि वे न तो भाजपा नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ जाएँगी और न ही विपक्षी गठबंधन को समर्थन देंगी। दोनों दलों ने स्पष्ट कहा कि वे चुनाव से दूरी बनाते हुए मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।
जयराम रमेश का कटाक्ष
इस पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Jay ram ramesh) ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व में चल रहा गठबंधन धीरे-धीरे कमज़ोर और बिखरा हुआ हो रहा है। जो दल कभी एनडीए की ताक़त गिनाए जाते थे, वे अब खुद को अलग कर रहे हैं। उन्होंने इसे भाजपा की दबाव वाली राजनीति और अहंकारपूर्ण रवैये का नतीजा बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों ही दल कभी औपचारिक रूप से भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा नहीं रहे।
विपक्षी उम्मीदवार की अपील
उधर, विपक्षी गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी ने सभी सांसदों से अपील की कि वे चुनाव में राष्ट्रहित को प्राथमिकता दें।
बीजेडी और बीआरएस की सफाई
बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा समान दूरी की नीति पर चलती है। वहीं, बीआरएस ने भी कहा कि उनका किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन से लेना-देना नहीं है।दोनों दलों के इस फैसले के बाद उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम आने वाले लोकसभा चुनावों से पहले क्षेत्रीय दलों की रणनीति को दर्शाता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जरूरत पड़ने पर दोनों दलों ने समय-समय पर भाजपा का रणनीतिक साथ दिया है।
जयराम कौन है?
श्री जयराम रमेश केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान ग्रीन इंडिया पहल को आगे बढ़ाने में अग्रणी रहे हैं। उन्होंने ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, पूंजीगत वस्तुओं, औद्योगिक नीति और दूरसंचार जैसे विविध क्षेत्रों में कई प्रमुख सरकारी रिपोर्टें लिखी हैं।
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