जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आतंकवादियों को करारा जवाब देते हुए पहलगाम में जम्मू-कश्मीर कैबिनेट की बैठक की. यह पहली बार है जब इस सरकार ने जम्मू या श्रीनगर के बाहर कैबिनेट की बैठक की है.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को पहलगाम में कैबिनेट की बैठक की. उन्होंने इस संदेश के साथ मंत्रिमंडल की विशेष बैठक की कि सरकार आतंकवाद की कायराना हरकतों से नहीं डरेगी. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने पहलगाम क्लब में हुई बैठक की तस्वीरें सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर डालीं.
पहलगाम में कैबिनेट की बैठक के बाद सीएम उमर ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
पहलगाम में कैबिनेट की बैठक करने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें उन्होंने कहा, “हमने अपनी सरकार के एजेंडे के अनुसार काम किया, लेकिन हमने पहलगाम में सिर्फ प्रशासनिक या सरकारी समारोह के लिए कैबिनेट की बैठक नहीं की. जम्मू-कश्मीर में विकास और खुशहाली का एजेंडा, जम्मू-कश्मीर के लोगों का प्रतिनिधित्व करने का एजेंडा खून-खराबे के कारण नहीं रुकेगा. इस बैठक के जरिए हमने कश्मीर के लोगों, खास तौर पर पहलगाम के लोगों को 22 अप्रैल के हमले के बाद उनके रुख और बहादुरी के लिए धन्यवाद दिया, जहां उन्होंने हिंसा और खून-खराबे के खिलाफ़ आवाज उठाई.”
महाराष्ट्र के टूर ऑपरेटरों का एक समूह पहुंचा पहलगाम
सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया, “हम पहलगाम में हैं, इसलिए पर्यटन भी हमारे एजेंडे में है.. पहलगाम में महाराष्ट्र के टूर ऑपरेटरों का एक समूह है। वे श्रीनगर भी जाएंगे. हमें जो बात उत्साहित करती है, वह यह है कि पहले समूह में 20-25 लोग होने वाले थे… लेकिन, महाराष्ट्र से करीब 60 टूर ऑपरेटर यह देखने आए हैं कि यहां यात्रा और पर्यटन उद्योग को कैसे फिर से शुरू किया जा सकता है… मैं इन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं.”
पहलगाम में कैबिनेट की बैठक करने के पीछे क्या है वजह?
उमर अब्दुल्ला सरकार के कार्यकाल में यह पहली बार है जब मंत्रिमंडल की बैठक सामान्य ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर या शीतकालीन राजधानी जम्मू के बाहर हुई. पहलगाम का चयन इस पर्यटन नगरी के निवासियों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए किया गया है, जहां 22 अप्रैल को भीषण आतंकी हमले के बाद से पर्यटकों की संख्या में भारी गिरावट आई है. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे. अधिकारियों ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों को यह सीधा संदेश देने की दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है कि जम्मू और कश्मीर में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है
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