तारीख: 22 सितंबर 2025
श्रीनगर की प्रसिद्ध डल झील (Dal Lake) में एक रूटीन सफाई अभियान के दौरान ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े पाकिस्तानी फतह-1 मिसाइल के अवशेष बरामद हुए हैं। यह खोज न केवल सैन्य इतिहास (Miletiry History) की याद दिलाती है, बल्कि पर्यटकों और स्थानीय निवासियों के लिए बड़ा खतरा टालने का काम भी कर गई। अधिकारियों ने इसे तुरंत सुरक्षित कर लिया, और अब आगे की जांच के लिए भारतीय वायुसेना को सौंप दिया गया है। यह घटना मई में हुए तनावपूर्ण ऑपरेशन की तीव्रता को फिर से सामने ला रही है।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि
ऑपरेशन सिंदूर भारत की उस सैन्य कार्रवाई का नाम था, जो 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे, जिसमें अधिकांश पर्यटक थे। भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। 10 मई को श्रीनगर में जोरदार धमाकों के साथ एक मिसाइल जैसी वस्तु डल झील में गिरी, जिससे झील की सतह पर धुआं उठा। सुरक्षा बलों ने तुरंत मलबा बरामद किया, और शहर के लासजन इलाके से एक अन्य संदिग्ध वस्तु भी मिली।
सफाई अभियान में मिले अवशेष
शनिवार को लेक कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट अथॉरिटी (LCMA) के कर्मचारियों ने डल झील की सफाई के दौरान ऊंट कदल के पास मिसाइल के शेल के अवशेष खोजे। यह वही जगह है, जहां मई में धमाका हुआ था। कर्मचारियों ने तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचना दी, और अवशेषों को नजदीकी थाने ले जाया गया। पुलिस ने भारतीय वायुसेना को सौंप दिया, जो अब इसकी फोरेंसिक जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह पाकिस्तानी फतह-1 रॉकेट का हिस्सा है, जो ऑपरेशन के दौरान झील में फटा था।
LCMA के एक अधिकारी ने बताया, “सफाई अभियान पर्यावरण संरक्षण का हिस्सा था, लेकिन यह खोज हमें सतर्क रहने की याद दिलाती है। डल झील पर्यटकों का प्रमुख केंद्र है, इसलिए सुरक्षा सर्वोपरि है।”
बड़ा खतरा टला, सतर्कता बरतने की जरूरत
यह बरामदगी एक बड़ा खतरा टालने वाली घटना है। अगर अवशेष बिना हटाए रहते, तो पर्यटकों या मछुआरों के लिए विस्फोटक खतरा पैदा हो सकता था। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों के बाद प्रभावित क्षेत्रों की नियमित जांच जरूरी है। डल झील, जो कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर है, पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इस घटना ने एक बार फिर सीमा पर सतर्कता की मांग को बल दिया है।
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर को “आक्रामक” बताया था, लेकिन भारत ने इसे आतंकवाद के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करार दिया। अब यह अवशेष जांच का विषय बनेगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का केंद्र बन सकता है।
कश्मीर में शांति प्रयासों के बीच ऐसी घटनाएं सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट रखती हैं। डल झील की सफाई अभियान जारी रहेगा, ताकि पर्यटक सुरक्षित रहें।
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