Bhopal : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopa) में चिकन और मटन की दुकानों को लेकर एक बार फिर नया आदेश सामने आ गया है। यहां साफ तौर पर निर्देश जारी किया गया है कि भोपाल में कल यानी 9 सितंबर को चिकन मटन की दुकानें बंद रहेंगी। बता दें कि इस संबंध में पहले भी निर्देश जारी किए गए थे कि अगर प्रमुख त्योहारों पर चिकन-मटन की दुकानें खोलीं तो 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। ऐसे में अब कल प्रमुख जैन त्योहार पर्युषण पर्व को देखते हुए दुकानों को बंद रखने का निर्देश जारी कर दिया गया है।
पर्युषण पर्व का पहला दिन
दरअसल, भोपाल Bhopal में कल चिकन और मटन (Chicken and Mutton) की दुकानें बंद रहेंगी। बता दें कि 9 सितंबर को प्रमुख जैन त्योहार पर्युषण पर्व का पहला दिन उत्तम क्षमा दिवस है। ऐसे में पर्युषण पर्व के दौरान मांस का विक्रय करते हुए अगर कोई पाया गया, तो उसका लाइसेंस भी निरस्त किया जा सकता है और साथ ही पुलिस की कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं मटन और चिकन की दुकानों की जांच करने के लिए नगर निगम के अध्यक्ष समेत तमाम आला अधिकारी भी कल नगर भ्रमण पर निकलेंगे। ऐसे में किसी भी प्रकार की कोताई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
दुकानें बंद रखने का आदेश जारी
प्रमुख त्योहारों पर मटन-चिकन की दुकानों में को बंद रखने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। इसमें 2 अक्टूबर (गांधी जयंती), 7 अक्टूबर (महर्षि जयंती) और नवरात्रि पर्व पर भी मीट की दुकानें बंद रखनी होगी। नगर निगम ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी किए हैं।
अगर प्रमुख त्योहारों पर चिकन-मटन की दुकानें खोलीं तो 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा या फिर दुकान भी सील की जा सकती है। दूसरी तरफ इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम समाज ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि गैर मुसलमान भी गोश्त खाते हैं, उनसे भी पूछना चाहिए। जबकि हिंदू संगठनों ने इस आदेश का स्वागत किया है।
भोपाल में सबसे ज्यादा क्या खाया जाता है?
अपने मांस व्यंजन के लिए प्रसिद्ध – करी और कबाब यहां सबसे अधिक स्वीकार किए जाते हैं और पसंदीदा व्यंजन हैं। पूरा पुराना शहर क्षेत्र आपको कुछ अद्भुत किस्मों के नाश्ते की पेशकश कर सकता है।
भोपाल का असली नाम क्या है?
भोपाल का पुराना नाम भोजपाल है, जो परमार शासक राजा भोज के नाम पर आधारित है, जिन्होंने शहर में एक बांध बनाया था. एक अन्य सिद्धांत बताता है कि शहर का नाम गोंड राजवंश के राजा भूपाल शाह के नाम पर ‘भूपाल’ था, जिनकी राजधानी भूपाल ही थी.
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