जम्मू,। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) को तीन महीने गुजर चुके हैं, लेकिन कश्मीर में पर्यटन पटरी पर आने को तैयार नहीं है। टूरिज्म कल्चर अब तक उस झटके से उबर नहीं सका है। डल झील से लेकर लाल चौक तक पर्यटकों के अभाव में सन्नाटा पसरा हुआ दिख रहा है। गौरतलब है कि आतंकी हमले से अब तक का वक्त पर्यटन के लिए यहां का पीक सीजन कहलाता था, लेकिन इस सीजन में ना तो होटल बुक हुए, ना टैक्सियों की आवाजाही दिखाई दी है।
पहले रोजाना 13,500 रुपए की कमाई हो जाती थी
हाउस बोट, होटल और ड्राइवरों के लिए आमदनी का सबसे अहम वक्त ठप पड़ा है। इस संबंध में डल झील के हाउस बोट (House Boat) के एक मालिक का कहना था, कि पहले रोजाना 13,500 रुपए की कमाई हो जाती थी, लेकिन इस बार सिर्फ 4 से 5 प्रतिशत ही रही है। बच्चों की फीस तक नहीं भर पा रहे हैं। स्कूल ने बच्चों को परीक्षा में नहीं बैठने दिया। बहुत तकलीफ के बीच वो कह पाए कि कर्ज उठाकर और जेवर बेचकर ग्राहकों की प्री-बुकिंग राशि लौटाई है। आगे क्या होगा सब ईश्वर ही मालिक है।
हर दिन 10 हजार गाड़ियां आती थीं, अब मुश्किल से 100-150 पहुंच पाई हैं
पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद से श्रीनगर की शान कहे जाने वाले लाल चौक की रौनक मानों कहीं गायब हो गई है। लोकल दुकानदार कह रहे हैं, जवान लड़के कश्मीर छोड़कर बाहर काम करने जा रहे हैं। हमारी तो सरकार से बस यही मांग है कि किसी तरह से रोजी-रोटी चलवा दे। इसके साथ ही गुलमर्ग (Gulmerg) में भी हालात बेहतर नहीं हैं। पहले दिन के 3-4 हजार की कमाई हो जाती थी, अब 300-400 रुपए में इत्मिनान करना पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस जुटाना और घर चलाना मुश्किल हो गया है। एटीवी ड्राइवरों की सुनें तो वो बताते हैं, कि पहले हर दिन 10 हजार गाड़ियां आती थीं, अब मुश्किल से 100-150 पहुंच पाई हैं। इस तरह टूरिज्म 80 प्रतिशत तक गिरा है।
वहीं दूसरी तरफ जो लोग यहां पर्यटन के लिए पहुंचे वो सुरक्षा व्यवस्था को लेकर संतुष्ट नजर आए हैं। ताइवान और इटली से आई महिला टूरिस्ट्स ने अपने अनुभव साझा करते हुए जहां यहां की खूबसूरती और लोगों के मिजाज की सराहना की वहीं उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था को बहुत अच्छा बताया। इससे संदेश जाता है कि यहां का माहौल अब पूरी तरह सुरक्षित है। ऐसे में स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि सरकार कुछ न कुछ राहत पैकेज जरुर उपलब्ध कराएगी। इसी तरह के सहयोग से पर्यटन और लोगों का कारोबार पटरी पर वापस आ सकेगा।
2025 में कौन सा आतंकवादी हमला हुआ था?
22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें पाकिस्तान से आए हमलावरों ने 26 लोगों की जान ले ली, भारत के सामने आतंकवाद के लगातार बढ़ते खतरे को रेखांकित करता है। हमलावरों ने पीड़ितों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया, जो पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़ाव से जुड़ी एक सोची-समझी आतंकी कार्रवाई को दर्शाता है।
भारत में कितने आतंकवादी समूह हैं?
2021 में, आतंकवाद ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर (J&K), पूर्वोत्तर राज्यों और मध्य भारत के कुछ हिस्सों को प्रभावित किया। भारत में सक्रिय आतंकवादी समूहों में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन, आईएसआईएस, अल-कायदा, जमात-उल-मुजाहिदीन और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश शामिल हैं।
Read more : Bihar : 9 जिलों पर मंडराया बाढ़ का खतरा, खोले गए फरक्का बराज के सभी गेट