Pahalgam : के गुनहगारों को अबतक नहीं मिल पाई सजा और कश्मीर में छिड़ गई वही ‘पुरानी जंग’

By digital | Updated: May 6, 2025 • 11:40 AM

पहलगाम आतंकी हमले के बाद से कश्मीर में सुरक्षाबलों का एक्शन चल रहा है। कई आतंकियों और उनके मददगारों पर कार्रवाई हो चुकी है। उनके घरों को ध्वस्त किया जा रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगार अब तक फरार हैं। सुरक्षाबलों के खौफ से वे भागते फिर रहे हैं। उन्हें सेफ ठिकानों की तलाश है। 26 पर्यटकों की जान लेने वाले आतंकियों के मददगार भी सुरक्षाबल के रडार पर हैं और उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई हो रही है। अब तक कई आतंकियों के घरों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी क्रम में पुलिस ने लश्कर के संदिग्ध आतंकी इम्तियाज अहमद को गिरफ्तार किया था, जिसकी बाद में मौत हो गई। उसकी मौत पर अब सियासत हो रही है। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह घटना गंभीर सवाल उठाती है और उन्होंने अधिकारियों पर गड़बड़ी का आरोप लगाया। महबूबा और कई अन्य नेताओं के बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या कश्मीर में फिर वहीं पुरानी जंग छिड़ गई है।

दरअसल जिस पुरानी जंग की हम बात कर रहे हैं वो आतंकियों और उनके हमदर्दों के लिए आवाज उठाना है। धारा 370 हटने से पहले तक कई सियासी दल आतंकियों के खिलाफ एक्शन पर सवाल उठाते थे। इतिहास के पन्नों में कई ऐसे कई मुठभेड़ भी दर्ज हैं जिनके फर्जी होने के आरोप भी लगे।

इम्तियाज की मौत पर क्यों हंगामा?

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 23 वर्षीय एक युवक का शव एक नाले से बरामद किया गया था। लश्कर से उसके संबंधों के बारे में पूछताछ के लिए उसे हिरासक में लिया गया था। पुलिस ने दावा किया कि उसे भागने की कोशिश की, जिसमें वह नाले में कूद गया, जबकि उसके परिवार ने हिरासत में मौत का आरोप लगाया है।

मृतक की पहचान इम्तियाज अहमद के रूप में हुई। पुलिस के अनुसार वे उसे पहचान के लिए एक ठिकाने पर ले गए, जब वह भागने की कोशिश में तेज बहाव वाले नाले में कूद गया और डूब गया। पुलिस के अनुसार, इम्तियाज की भूमिका 23 अप्रैल को एक मुठभेड़ की जांच के दौरान सामने आई। सुरक्षाबलों के साथ हुई उस मुठभेड़ के बाद दो आतंकवादी भाग निकले थे। पुलिस ने दावा कि इम्तियाज ने पूछताछ के दौरान लश्कर के ठिकाने के बारे में जानकारी होने की बात कबूल की, जिसके बाद उसे उसके बताए स्थान पर ले जाया गया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस भी उठा रही सवाल

26 लोगों की हुई थी मौत

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। आतंकवादियों ने लोगों से उनका नाम और धर्म पूछकर गोलियां बरसाई थी। मारे गए लोगों में ज्यादातर पर्यटक थे। इस घटना के बाद से देश में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा और उसे कड़ा मैसेज देने की मांग की जा रही है। सरकार पाकिस्तान के खिलाफ अभी तक कई एक्शन भी ले चुकी है। इसमें सिंधु जल समझौते को स्थगित करना और राजनयिक संबंधों में कटौती करना शामिल है।

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