तिराह घाटी में सेना की कार्रवाई से हड़कंप
इस्लामाबाद: पाकिस्तान(Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा(Khyber Pakhtunkhwa) प्रांत की तिराह घाटी में रविवार देर रात पाकिस्तानी वायुसेना ने बमबारी की, जिसमें 30 नागरिकों की मौत हो गई। इस हमले में महिलाएं और बच्चे भी शामिल बताए जा रहे हैं। सेना का दावा है कि निशाना तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का ठिकाना था, जहां बम बनाए जा रहे थे। लेकिन स्थानीय लोग और मानवाधिकार संगठनों ने इसे निर्दोष नागरिकों पर हमला करार दिया है।
सेना का दावा और स्थानीय विरोध
रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी(Pakistan) वायुसेना ने चीन(China) के J-17 लड़ाकू विमानों से आठ लेजर-गाइडेड बम गिराए। सेना ने कहा कि TTP के कमांडर अमान गुल और मसूद खान यहां बम बनाकर मस्जिदों में छिपा रहे थे। हालांकि, स्थानीय पुलिस ने स्वीकार किया कि चार घर पूरी तरह तबाह हो गए और मरने वालों में अधिकतर नागरिक थे।
खैबर के सांसद मोहम्मद इकबाल खान अफरीदी ने घटना पर आक्रोश जताते हुए कहा कि सरकार बिना पुख्ता जानकारी के नागरिकों पर हमले कर रही है। उन्होंने लोगों से घटनास्थल पर जाकर विरोध करने का आह्वान किया।
मानवाधिकार आयोग की सख्त प्रतिक्रिया
पाकिस्तान(Pakistan) मानवाधिकार आयोग ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। आयोग ने कहा कि सरकार का दायित्व हर नागरिक की सुरक्षा करना है, लेकिन बार-बार की नाकामी से लोगों का भरोसा टूट रहा है। सोशल मीडिया पर इस हमले के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है।
इस बीच, डॉन न्यूज ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखा कि बमबारी में नागरिक मारे गए, लेकिन यह साफ नहीं है कि हमले का आदेश किस स्तर से दिया गया था।
TTP और पाकिस्तान का टकराव
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का गठन 2007 में हुआ था। यह संगठन पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ लगातार हमले करता है। 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद TTP की ताकत और बढ़ गई। नवंबर 2022 में इसने पाकिस्तान के साथ सीजफायर खत्म कर दिया और हमले तेज कर दिए।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 में पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक TTP के हमलों में 90% की बढ़ोतरी हुई है और खैबर पख्तूनख्वा तथा बलूचिस्तान सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र हैं।
तिराह घाटी में नागरिकों की मौत पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया रही?
सरकार और सेना ने दावा किया कि निशाना TTP का ठिकाना था, लेकिन स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि निर्दोष नागरिक मारे गए। मानवाधिकार आयोग ने इसकी जांच की मांग की है।
पाकिस्तान आतंक प्रभावित देशों की सूची में ऊपर क्यों पहुंचा?
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के अनुसार TTP, बलूच आर्मी और IS-K जैसे संगठनों के हमलों में भारी वृद्धि हुई है। केवल TTP ने ही 2024 में 482 हमले किए, जिनमें 558 मौतें हुईं, जिससे पाकिस्तान दूसरे स्थान पर पहुंच गया।
अन्य पढ़े: