पाकिस्तान, जो दशकों से आतंकवाद का समर्थन करता रहा है, आज स्वयं उसी आग में जल रहा है। इसके फिर भी पाकिस्तान के नेता और फौज कोई सबक लेने को मुस्तैद नहीं हैं। हाल ही में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों को संबोधित करते हुए फिर जहर उगला।
इंडिया के खिलाफ वितृष्णा फैलाने वाला भाषण
अपने संबोधन में मुनीर ने पाकिस्तान के प्रणयन को दो-राष्ट्र सिद्धांत पर निर्भर बताते हुए कहा कि पाकिस्तानियों को अपनी अगली पीढ़ियों को इंडिया से अलग पहचान की कहानी सुनानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारा धर्म, परम्परा, सोच और महत्वाकांक्षाएं हिंदुओं से अलग हैं, इसलिए पाकिस्तान का सृजन हुआ।” मुनीर ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की कहानी बच्चों को कहना आवश्यक है ताकि उनका संबंध देश से निर्बल न हो।

असीम मुनीर: पाकिस्तान में लोकतंत्र पर फौज का प्राधान्य
यह प्रथम अवसर नहीं है जब जनरल मुनीर ने हद उल्लंघन हों। उनका रिकॉर्ड बताता है कि मानवाधिकार और लोकतंत्र उनके एजेंडे में पीछे हैं। पाकिस्तान का अतीत भी गवाह है कि वहां फौज ने बार-बार लोकतंत्र का गला घोंटा है।
आतंकवाद और कठोर राज्य की वकालत
महज एक माह पहले, 18 मार्च को, मुनीर ने पाकिस्तान को “हार्ड स्टेट” बनाने की आवश्यकता बताई थी। उन्होंने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई को पाकिस्तान के विद्यमानता की लड़ाई बताया।