Pakistan Chief के सेना प्रमुख ने हिंदुओं के खिलाफ उगला जहर, कहा- ‘हमारा धर्म अलग है, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं’
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने हिंदुओं के खिलाफ बयानबाजी करके न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा किया है, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया है।
उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में कहा –
“हमारा धर्म, संस्कृति और सोच हिंदुओं से अलग है। हमें अपने बच्चों को यह सिखाना चाहिए कि Pakistan Chief कैसे बना और क्यों बना।”
इस बयान को भारत सहित कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने धार्मिक भेदभाव और नफरत फैलाने वाला बताया है।
बयान की टाइमिंग और संदर्भ
जनरल असीम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं। Pakistan Chief में बढ़ते आंतरिक संकट, आर्थिक मंदी और कट्टरपंथ के बीच सेना प्रमुख का इस तरह का बयान देना कहीं न कहीं सत्ता को मजबूती देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या कहा जनरल ने?
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने अपने बयान में कहा कि:
- हिंदुओं और मुसलमानों का धर्म और संस्कृति बिल्कुल अलग है।
- पाकिस्तान की नींव इस सोच पर रखी गई थी कि मुसलमान एक अलग राष्ट्र हैं।
- बच्चों को यह सिखाना जरूरी है कि Pakistan Chief क्यों बना और उसकी कहानी क्या है।
भारत की प्रतिक्रिया
भारत सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन कूटनीतिक हलकों में नाराजगी जरूर देखी जा रही है। कई वरिष्ठ विश्लेषकों ने इस बयान को “सोची-समझी रणनीति” बताया है, ताकि आंतरिक विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाया जा सके।
सोशल मीडिया पर गुस्स
बयान के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा। ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग पाकिस्तान के सेना प्रमुख की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने यह भी कहा कि Pakistan Chief अपनी असफलताओं को धर्म के पीछे छुपा रहा है।

क्या कहते हैं जानकार?
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि:
- पाकिस्तान की आंतरिक हालत बेहद खराब है – महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज के दबाव ने आम नागरिक को तोड़ दिया है।
- ऐसे में सेना और राजनीतिक नेतृत्व द्वारा धार्मिक उन्माद भड़काकर जन भावनाओं को भटकाया जाता है।
- सेना का ये रवैया भारत के साथ शांति प्रयासों को भी प्रभावित करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र के कुछ स्वतंत्र विशेषज्ञों ने इस बयान को “हेट स्पीच” बताया है और कहा कि इससे अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत बढ़ेगी।जनरल असीम मुनीर का यह बयान न केवल भारत और Pakistan Chief के रिश्तों को और खराब करेगा, बल्कि यह पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है।इस तरह के बयानों से साफ है कि पाकिस्तान के नीति निर्माता धार्मिक ध्रुवीकरण और नफरत की राजनीति को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।