साइबर हमला: हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच भारतीय सेना की चौकसी ने पाकिस्तान की हर प्रयास को नाकाम किया है। ऐसे में अब पाकिस्तान साइबर हमला के ज़रिए हिंदुस्तान को नुकसान पहुँचाने की फिराक में है।
इसी खतरे को भांपते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 10 मई को बैंकों और इंश्योरेंस सेक्टर के प्रमुख अधिकारियों एवं वित्तीय नियामकों के साथ एक आपात बैठक की।
साइबर सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत करने के निर्देश
बैठक में वित्त मंत्री ने बैंकों को अपने साइबर सुरक्षा ढांचे को और दृढ़ करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी बैंकों को अपने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर और कोर बैंकिंग सिस्टम की नियमित ऑडिटिंग करानी चाहिए। साथ ही हर बैंक को 24×7 साइबर मॉनिटरिंग सुनिश्चित करनी होगी।
वित्त मंत्री ने निर्देश दिया कि हर बैंक दो सीनियर अधिकारियों की नियुक्ति करे –
- एक अधिकारी साइबर आक्रमण से जुड़ी रिपोर्टिंग करेगा
- दूसरा अधिकारी कैश फ्लो और ATM निगरानी का जिम्मा संभालेगा
इन अधिकारियों को किसी भी साइबर घटना की खबर तुरंत CERT-In, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्तीय सेवा विभाग (DFS) को देनी होगी।
CERT-In का चौकन्ना: बैंकों और सरकारी साइट्स को खतरा
CERT-In (भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) ने चौकन्ना जारी कर बताया है कि पाकिस्तान की तरफ से हिंदुस्तान में
- बैंकिंग सिस्टम
- सरकारी वेबसाइट्स
- निजी कंपनियों
को साइबर आक्रमण का निशाना बनाया जा सकता है। इसी वजह से सभी संबंधित संस्थानों को चौकन्ना कर दिया गया है।
बॉर्डर एरिया में बैंकिंग सेवा जारी रखने के निर्देश
वित्त मंत्री ने कहा कि बॉर्डर एरिया में किसी भी तरह की चुनौती के बावजूद बैंकिंग और फाइनेंशियल सर्विसेज की सुचारू आपूर्ति पक्का की जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि
“आर्थिक स्थिरता बनाए रखना राष्ट्रीय सुरक्षा का अहम भाग है।”