भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हो रही है। तोपें, फाइटर प्लेन, ड्रॉन, मिसाइल जैसे बड़े हथियार यूज किये जा रहे हैं।
आतंकी ठिकाने ध्वस्त होने से बोखलाए पाकिस्तान ने जंग छेड़ तो दी, लेकिन उसे इसका ऐसा अंजाम भुगतना पड़ेगा कि पाकिस्तान की इकोनॉमी को वापस उठने में दशकों लग जाएंगे। इस बात को कुछ ही महीने बीते हैं, जब पाकिस्तान पर दिवालिया होने का संकट मंडराने लगा था। उनके पास कर्ज का ब्याज चुकाने के भी पैसे कम पड़ रहे थे। दूसरी तरफ विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ इतना सा बचा था कि चंद दिनों के आयात में काम आ पाता। पाकिस्तान इस हालात से उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि युद्ध छिड़ गया है।
दुनिया से कर्जा मांग रहा पाकिस्तान
भारत और पाकिस्तान के बीच भारी गोलीबारी हो रही है। तोपें, फाइटर प्लेन, ड्रॉन, मिसाइल जैसे बड़े हथियार यूज किये जा रहे हैं। पहले से ही बदहाल आर्थिक स्थिति से जूझ रहा पाकिस्तान एक लंबे युद्ध का खर्चा वहन करने की हाल में नहीं है। हालत यह है कि अभी इस संघर्ष का तीसरा ही दिन है कि पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक से कर्जा मांगने लगा है। पाकिस्तानी सरकार सरेआम सोशल मीडिया पर दुनिया से पैसा मांग रही है। पाकिस्तान सरकार के इकोनॉमिक अफेयर्स डिविजन ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘दुश्मन द्वारा किये गए भारी नुकसान के बाद पाकिस्तान सरकार इंटरनेशनल पार्टनर्स से अधिक कर्ज देने की अपील करती है। बढ़ते युद्ध और शेयर बाजार में भारी गिरावट के बीच हम इंटरनेशनल पार्टनर्स से तनाव कम करने में मदद करने का आग्रह करते हैं।’
- पाकिस्तान साल 2022 में डिफॉल्ट होने के करीब आ गया था।
- इस साल मार्च में ही पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर के लोन के साथ आईएमएफ का बेलआइट पैकेज मिला है।
- इससे पाकिस्तानी इकोनॉमी को कुछ राहत की सांसें मिली ही थीं कि मौजूदा संघर्ष ने सब कुछ बिगाड़ दिया है।
- क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी कहा है कि संघर्ष आगे बढ़ता है तो पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बहुत बुरी हो जाएगी।
- मूडीज ने कहा कि मौजूदा हालत से पाकिस्तान की विदेशी कर्ज तक पहुंच काफी घट जाएगी।
- साथ ही देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर भी काफी दबाव बनेगा।
- पाकिस्तान में कुछ दिनों से एयर ट्रैफिक बहुत कम हो गया है। कई विदेशी एयरलाइन्स ने भी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में जाना बंद कर दिया है।
- इससे पाकिस्तान को विदेशी करेंसी के रूप में होने वाली कमाई का भारी नुकसान हुआ है।
भारी भरकम कर्ज
पाकिस्तान कर्ज के बोझ के नीचे दबा हुआ है। दिसंबर 2024 तक पाकिस्तान का बाहरी कर्ज 131.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें, तो यह सिर्फ 15.48 अरब डॉलर है। पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र खाली होने से इसमें तेजी से गिरावट आ रही है।
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