कश्मीर आतंकी हमले: हाल ही में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी आक्रमणो में एक बार फिर पाकिस्तान के दोहरे रवैये को दुनिया के सामने उजागर कर दिया है।
जहां इंडिया आतंकियों के विरुद्ध एक्शन मोड में है, वहीं पाकिस्तान दुनिया को यह समझाने की नाकाम कोशिश कर रहा है कि उसका इस आक्रमणो से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन उसके अपने नेताओं के बयान उसकी पोल खोलते हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने किया बड़ा खुलासा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में एक इंटरव्यू में यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान पूर्व 30 साल से आतंकवादियों को समर्थन और प्रशिक्षण देता आ रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने यह सब अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए किया था।
यह बयान पाकिस्तान के उस लंबे इतिहास की सबूत करता है, जिसमें उसने आतंक को एक नीति के रूप में अपनाया है।

मुशर्रफ का कबूलनामा: आतंकवादी हमारे हीरो थे
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का एक पुराना इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने साफ कहा था कि ओसामा बिन लादेन, हक्कानी और अयमान अल-जवाहिरी जैसे आतंकी पाकिस्तान के ‘हीरो’ थे। उन्होंने स्वीकारा कि पाकिस्तान ने तालिबान और अन्य जिहादी संगठनों को न सिर्फ पनाह दी, बल्कि उन्हें ट्रेनिंग और आयुध भी मुहैया कराए।
कश्मीर में आतंक को लेकर पाकिस्तान की भूमिका स्पष्ट
कश्मीर आतंकी हमले: मुशर्रफ ने यहां तक कहा कि 1990 में जब कश्मीर में आतंकवाद विस्तृत, तो पाकिस्तान ने रक्षक सईद जैसे आतंकियों को शरण दी और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को खड़ा किया। उन्होंने अंगीकार कि ये सभी समूह इंडिया के विरोध लड़ने वाले “मुजाहिदीन” थे, जिन्हें पाकिस्तान में हीरो की तरह देखा जाता था।