थेल्स पर पाकिस्तान को मदद का आरोप
इस्लामाबाद: फ्रांस की दिग्गज कंपनी थेल्स ग्रुप(Thales Group) पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वह पाकिस्तान(Pakistan) को जासूसी और निगरानी के लिए तकनीकी सहायता दे रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान(Pakistan) की इंटरनेट निगरानी और सेंसरशिप व्यवस्था विदेशी कंपनियों की मदद से चलाई जा रही है। इस आपूर्ति श्रृंखला में फ्रांस, जर्मनी, चीन(China), संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा और संयुक्त अरब अमीरात की कंपनियां शामिल हैं।
पाकिस्तान की निगरानी व्यवस्था और थेल्स की भूमिका
रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान(Pakistan) ने वेब मॉनिटरिंग सिस्टम और लॉफुल इंटरसेप्ट मैनेजमेंट सिस्टम जैसे प्रोग्राम स्थापित किए हैं। इनसे नागरिकों की ऑनलाइन गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार और सेना इन आंकड़ों का उपयोग न केवल सुरक्षा कारणों से बल्कि असहमति को दबाने के लिए भी कर रही है।
पहले पाकिस्तान ने कनाडाई कंपनी सैंडवाइन की तकनीक का इस्तेमाल किया था। बाद में उसने चीन की गीज नेटवर्क्स और ELINC चाइना के जरिए WMS 2.0 स्थापित किया। इस सिस्टम को विदेशी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मजबूत बनाया गया, जिसमें अमेरिकी नियाग्रा नेटवर्क्स, फ्रांस की थेल्स तकनीक और चीन की न्यू H3C टेक्नोलॉजीज का सहयोग शामिल है।
डिजिटल फायरवॉल और अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति
एमनेस्टी की रिपोर्ट “शैडोज़ ऑफ कंट्रोल” में कहा गया है कि पाकिस्तान का यह फायरवॉल चीन के “ग्रेट फायरवॉल” का एक्सपोर्ट संस्करण है। इसमें थेल्स के लाइसेंसिंग उपकरण अहम भूमिका निभाते हैं। यदि इनमें से कोई भी हिस्सा हटाया जाए तो पूरा सिस्टम काम करना बंद कर देगा।
दूसरा निगरानी प्रोग्राम LIMS जर्मन कंपनी यूटिमाको की तकनीक पर आधारित है। पाकिस्तान ने इसे सीधे न खरीदकर अमीरात कंपनी डेटाफ्यूजन के जरिए हासिल किया। इस गुप्त नेटवर्क ने पाकिस्तान को नागरिकों की संचार प्रणाली पर कड़ी पकड़ बनाने का मौका दिया है।
राफेल से जुड़ा थेल्स का कनेक्शन
थेल्स कंपनी भारत को मिले राफेल लड़ाकू विमानों में भी महत्वपूर्ण उपकरण देती है। इसमें RBE2 AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली, कम्युनिकेशन नेविगेशन और पहचान प्रणाली, ऑप्ट्रोनिक्स टारगेटिंग, कॉकपिट डिस्प्ले और स्कॉर्पियन हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले शामिल हैं। ये सभी राफेल को आधुनिक और बहु-भूमिका मिशनों के लिए सक्षम बनाते हैं।
पाकिस्तान की निगरानी प्रणाली से नागरिकों को क्या खतरा है?
पाकिस्तान की सरकार और सेना इस तकनीक का इस्तेमाल लोगों की आवाजाही, संचार और सोशल मीडिया गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए कर रही है। इससे निजता का हनन होता है और असहमति जताने वालों पर दबाव डाला जाता है।
भारत के राफेल विमानों में थेल्स की भूमिका कितनी अहम है?
थेल्स के उपकरण राफेल की मारक क्षमता और सुरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। रडार, युद्ध प्रणाली और टारगेटिंग तकनीक की वजह से यह विमान किसी भी मिशन को अधिक सटीक और प्रभावी ढंग से अंजाम दे सकता है।
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