भारत-Pakistan के बीच टकराव को लगा ब्रेक, लेकिन अभी भी बरकरार रहेंगे ये 5 बड़े फैसले!
हालिया तनाव के बाद भारत और Pakistan के बीच सैन्य टकराव पर भले ही विराम लग गया हो, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा लिए गए पांच बड़े फैसले अभी भी बरकरार रहेंगे। ये फैसले दोनों देशों के भविष्य के संबंधों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
1. सिंधु जल संधि का निलंबन
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद Pakistan के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) में अपनी भागीदारी को निलंबित कर दिया है। भारत का कहना है कि यह निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से बंद नहीं कर देता।
यह 1960 की संधि दोनों देशों के बीच जल बंटवारे का एक महत्वपूर्ण तंत्र है,

Pakistan पर दबा
सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान पर जल संसाधनों को लेकर दबाव बनाने की भारत की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है,
क्योंकि पाकिस्तान की कृषि और नागरिक आपूर्ति काफी हद तक इस नदी प्रणाली पर निर्भर है।
2. अटारी-वाघा सीमा चौकी बंद
भारत ने अटारी-वाघा सीमा चौकी (Attari-Wagah Border check post) को भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। यह दोनों देशों के बीच एकमात्र कार्यात्मक भूमि सीमा पारगमन बिंदु है। लोगों और वस्तुओं की आवाजाही को रोकने का यह निर्णय सीमा पार आतंकवाद को रोकने और Pakistan को कड़ा संदेश देने के उद्देश्य से लिया गया है।
सीमा पर तनाव
सीमा चौकी का बंद होना दोनों देशों के बीच तनाव के स्तर को दर्शाता है और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और व्यापार पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
3. सार्क वीजा छूट योजना निलंबित
भारत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (SAARC Visa Exemption Scheme – SVES) को भी निलंबित कर दिया है। पहले जारी किए गए सभी एसवीईएस वीजा रद्द कर दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, इस योजना के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने के लिए 48 घंटे की समय सीमा दी गई है।
** राजनयिक संबंधों में कमी**
वीजा छूट योजना का निलंबन दोनों देशों के बीच लोगों के स्तर पर संपर्क को कम करेगा और राजनयिक संबंधों में और गिरावट लाएगा।

4. Pakistan सैन्य सलाहकारों का निष्कासन
भारत ने नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात सभी पाकिस्तानी सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को निष्कासित कर दिया है।
इन कर्मियों को ‘अवांछित व्यक्ति’ (Persona Non Grata) घोषित किया गया है और,
उन्हें एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है।
जवाबी कार्रवाई में, भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग से अपने सैन्य सलाहकारों को वापस बुलाएगा।
सैन्य स्तर पर अलगाव
सैन्य सलाहकारों का निष्कासन दोनों देशों के बीच सैन्य स्तर पर किसी भी तरह के संवाद को समाप्त कर देगा।
5. राजनयिक कर्मियों की संख्या में कमी
भारत ने Pakistan स्थित अपने उच्चायोग में राजनयिक कर्मियों की संख्या को भी कम करने का फैसला किया है।
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग में अब केवल 30 राजनयिक कर्मी ही रहेंगे, जो पहले 55 थे।
यह कमी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत की संभावनाओं को और सीमित करेगी।