Breaking News: Pakistan: पाकिस्तान को सबसे सस्ता कर्ज सौदी से

By Dhanarekha | Updated: September 21, 2025 • 6:52 PM

आर्थिक संकट में मददगार साबित हुआ सऊदी अरब

इस्लामाबाद: पाकिस्तान(Pakistan) गहरे कर्ज संकट से जूझ रहा है, लेकिन ऐसे हालात में भी उसे लगातार एक देश का साथ मिल रहा है। सऊदी अरब(Saudi Arabia) पाकिस्तान को बेहद कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराता है। यही नहीं, अगर पाकिस्तान तय समय पर कर्ज चुका नहीं पाता, तो सऊदी अरब बिना अतिरिक्त शुल्क लगाए समयसीमा को आगे बढ़ा देता है। इससे स्पष्ट है कि दोनों देशों की दोस्ती बहुत गहरी है

पाकिस्तान को मिला सस्ता विकल्प

रिपोर्ट्स के अनुसार, सऊदी अरब पाकिस्तान(Pakistan) से केवल 4% सालाना ब्याज वसूलता है। ‘ऑफिशियल रिकॉर्ड्स’ बताते हैं कि दो बार दिए गए कैश डिपॉजिट पर भी यही ब्याज दर लागू रही। यह कर्ज एक साल के लिए दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान अब तक चुका नहीं पाया। इसके बावजूद सऊदी अरब हर साल इसे आगे बढ़ा देता है।

सऊदी से मिलने वाला यह लोन चीन(China) से मिलने वाले कर्ज की तुलना में लगभग एक-तिहाई सस्ता है। यह विदेशी कमर्शियल लोन की लागत से भी आधा है। सऊदी ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का डिपॉजिट दिया है, जो दिसंबर में पूरा होगा। साथ ही 3 अरब डॉलर का एक और लोन जून में परिपक्व होगा, जो आईएमएफ प्रोग्राम से जुड़ा हुआ है।

आईएमएफ की सीमित भूमिका

IMF पैकेज के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति ज्यादा सुधर नहीं पाई है। सेंट्रल बैंक को अपने देनदारियों को पूरा करने के लिए स्थानीय बाजार से 8 अरब डॉलर से ज्यादा जुटाने पड़े। अब पाकिस्तान की वित्त मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बाजार से लोन लेने के लिए बहुपक्षीय बैंकों की गारंटी पर निर्भर हो रही है।

आईएमएफ ने साफ किया है कि पाकिस्तान के प्रमुख कर्जदाता—सऊदी अरब, चीन और यूएई—को अपने कैश डिपॉजिट को प्रोग्राम की अवधि तक बनाए रखना होगा। इन तीनों देशों ने मिलकर 12 अरब डॉलर जमा किया है, जो पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा है।

सुरक्षा साझेदारी और भारत से संबंध

पाकिस्तान(Pakistan) और सऊदी अरब के बीच सिर्फ आर्थिक नहीं बल्कि रक्षा संबंध भी मजबूत हैं। हालिया समझौते के तहत किसी एक देश पर हमला दोनों पर हमला माना जाएगा। यह समझौता दोनों के रणनीतिक रिश्तों को और गहरा करता है।

हालांकि, भारत और सऊदी अरब के बीच भी संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच सऊदी अरब ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी, लेकिन भारत के सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आलोचना से बचा। इससे यह स्पष्ट होता है कि सऊदी अरब भारत और पाकिस्तान के बीच संतुलन साधने की नीति अपनाए हुए है।

पाकिस्तान को सऊदी अरब से मिलने वाले कर्ज की खासियत क्या है?

सऊदी अरब पाकिस्तान को केवल 4% सालाना ब्याज पर कर्ज देता है। समयसीमा पूरी होने पर भी अगर कर्ज नहीं लौटाया जाता तो सऊदी बिना अतिरिक्त शुल्क लगाए इसे आगे बढ़ा देता है।

भारत-सऊदी रिश्ते पाकिस्तान-सऊदी संबंधों से कैसे अलग हैं?

सऊदी अरब पाकिस्तान का रणनीतिक साझेदार है, लेकिन भारत के साथ उसके रिश्ते आर्थिक और कूटनीतिक सहयोग पर आधारित हैं। दोनों देशों ने पारस्परिक हितों के आधार पर साझेदारी को बढ़ाया है, जो तनाव की परिस्थितियों में भी संतुलन बनाए रखती है।

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