नई दिल्ली। सिंधु नदी के पानी को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) की धमकियों के बीच भारत ने तीन राज्यों में इस पानी को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत बचा पानी अगले एक से डेढ़ साल के भीतर दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान को मिलेगा।
सिंधु जल संधि और निलंबन
यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि (Indus water treaty) को निलंबित करने के बाद उठाया गया है। 1960 में लागू इस संधि के तहत भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का जल वितरण नियंत्रित होता है।
उत्तर भारत के जल संकट में राहत
दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान गर्मियों में पानी की कमी से जूझते हैं। यमुना और अन्य जल स्रोतों में न्यूनतम जलस्तर के कारण पेयजल और सिंचाई के लिए पानी की किल्लत रहती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम भारत को अतिरिक्त 30-40 अरब घन मीटर पानी उपलब्ध करा सकता है, हालांकि इसे स्टोर और वितरित करने के लिए बड़े बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी।
मंत्रियों की घोषणा
राष्ट्रीय राजधानी के जल निकासी मास्टर प्लान की शुरुआत के अवसर पर खट्टर ने कहा कि पाकिस्तान की ओर जाने वाला पानी अब इन राज्यों को राहत देगा। यह योजना आपदा में अवसर के रूप में लागू की जा रही है।
सिन्धु जल कहाँ है?
यह पाकिस्तान, भारत (जम्मू और कश्मीर) और चीन (पश्चिमी तिब्बत) के माध्यम से बहती है। सिन्धु नदी का उद्गम स्थल, तिब्बत के मानसरोवर के निकट सिन-का-बाब नामक जलधारा माना जाता है। इस नदी की लंबाई प्रायः ३६१० किलोमीटर है। यहां से यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती है।
सिंधु बेसिन क्या है?
सिंधु बेसिन एशिया का वह भाग है जहाँ सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियाँ बहती हैं। यह बेसिन 1,120,000 वर्ग किमी (430,000 वर्ग मील) [a] क्षेत्र में फैला है और चार देशों: अफ़ग़ानिस्तान , चीन , भारत और पाकिस्तान से होकर गुज़रता है, जिसका अधिकांश क्षेत्र मुख्यतः बाद के दो देशों में स्थित है।
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