Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.

Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.

भारत का कड़ा जवाब: Kashmir attack के बाद पाकिस्तान के शेयर बाजार में 1,000 अंकों से अधिक की गिरावट

Kashmir attack के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की सख्त प्रतिक्रिया ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ा दिया है। इसके परिणामस्वरूप पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज (PSX) में भारी गिरावट दर्ज की गई, जहां KSE-100 इंडेक्स 1,000 से अधिक अंक टूट गया।

Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.
Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.

मुख्य बिंदु:

  • KSE-100 इंडेक्स में 1,080 अंकों की गिरावट दर्ज
  • गिरावट सुबह 10:30 बजे के बाद शुरू हुई और दोपहर तक तेज़ हो गई
  • बैंकिंग, ऊर्जा और निर्माण क्षेत्र की कंपनियों में सबसे अधिक गिरावट
  • विदेशी निवेशकों ने बड़ी मात्रा में शेयर निकाले

भारत की ओर से कड़ा रुख:

  • विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी कि भारत आतंकी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से पीछे नहीं हटेगा
  • राजनयिक दबाव के तहत पाकिस्तान की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नुकसान
  • भारत द्वारा सीमा पर सुरक्षा बढ़ाना और उच्च स्तरीय सैन्य गतिविधियां शुरू करना

बाजार विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

  • विश्लेषकों का मानना है कि यह गिरावट न केवल आतंकी हमले के बाद की स्थिति का असर है, बल्कि भारत के संभावित जवाबी कदमों से भी बाजार में बेचैनी बढ़ी है।
  • निवेशकों को आशंका है कि भारत आर्थिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर दबाव बना सकता है।
Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.
Kashmir attack :के बाद पाकिस्तान के बाजार में गिरावट.

अंतरराष्ट्रीय असर:

  • अमेरिका, 🇬🇧 ब्रिटेन और 🇫🇷 फ्रांस जैसे देशों ने हमले की निंदा की
  • वैश्विक निवेशक पाकिस्तान से निवेश निकालने की रणनीति बना रहे हैं
  • IMF और वर्ल्ड बैंक की संभावित सहायता पर भी प्रभाव पड़ सकता है

पाकिस्तान के लिए आगे की चुनौतियां:

  • बढ़ती महंगाई और डॉलर की तुलना में गिरता पाकिस्तानी रुपया
  • विदेशी कर्ज चुकाने का दबाव
  • लगातार गिरता विदेशी निवेश

भारत का कड़ा रुख सिर्फ सैन्य नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चों पर भी असर डाल रहा है। पाकिस्तान के शेयर बाजार की यह बड़ी गिरावट संकेत है कि सिर्फ सीमा पर ही नहीं, आर्थिक युद्ध भी शुरू हो चुका है।

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