ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने की कड़ी आलोचना की और इसे “मानवता के लिए खतरा” बताया। असदुद्दीन ओवैसी यह बयान नई दिल्ली में ऑपरेशन सिंदूर पर आयोजित एक सर्वदलीय बैठक में शामिल होने के बाद प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) को दिए एक साक्षात्कार में दिया।
आतंकवाद ने लंबे समय से निर्दोष नागरिकों की जान ली है
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद ने लंबे समय से निर्दोष नागरिकों की जान ली है और दुनिया को इसके बारे में बताया जाना चाहिए। उन्होंने कंधार विमान अपहरण, 26/11 मुंबई आतंकी हमला, 2001 संसद पर हमला, उरी और पठानकोट हमले, तथा हाल ही में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी।
इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर (PoJK) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान की सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां भारत को अस्थिर करने, समुदायों में फूट डालने और भारत की आर्थिक प्रगति को रोकने के इरादे से काम करती हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी बात अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से रखनी चाहिए, खासकर तब जब पाकिस्तान खुद को एक इस्लामी देश के रूप में प्रस्तुत करता है। ओवैसी ने कहा कि भारत में भी करीब 20 करोड़ मुसलमान रहते हैं, और हमें दुनिया को यह बताना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत को पाकिस्तान के इरादों को 1947 में ही समझ लेना चाहिए था, जब उसने आजादी के तुरंत बाद कश्मीर में कबायली हमलावरों को भेजा था। “वे तब से तमाशा कर रहे हैं। वे कल भी करेंगे और कभी रुकने वाले नहीं हैं। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का धैर्य टूट गया है,” उन्होंने कहा।
ओवैसी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को हथियार देने, प्रशिक्षण देने और उन्हें वित्तीय सहायता देने के जरिए मानवता के लिए खतरा बन गया है