Organic Farming: भारत में जैविक खेती को लेकर नई ऊर्जा दिखाई दे रही है और इसका नेतृत्व पतंजलि आयुर्वेद कर रहा है। बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण के मार्गदर्शन में पतंजलि का लक्ष्य भारतीय कृषि को टिकाऊ, लाभकारी और पर्यावरण सहायक बनाना है। कंपनी का दावा है कि उनका “किसान समृद्धि कार्यक्रम” किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करने और उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण देने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
किसान समृद्धि कार्यक्रम और जैविक तकनीकें
Organic Farming: इस कार्यक्रम के तहत किसानों को फसल चक्र, हरी खाद, और स्वयं खाद मुस्तैद करने की विधियां सिखाई जाती हैं। इसके अलावा, पतंजलि ने जैविक खाद और मिट्टी में जैविक सुधार लाने वाले उत्पाद भी विकसित किए हैं। इससे न एकमात्र रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता घटती है, बल्कि पैदावार की गुणवत्ता और उत्पादन में भी सुधार होता है।
अनुबंध खेती और डिजिटल समाधान
पतंजलि किसानों के लिए अनुबंध खेती की सुविधा भी उपलब्ध कराता है, जिससे उन्हें बाजार की सही जानकारी और उचित दाम मिलते हैं। कंपनी सीधे किसानों से पैदावार खरीदती है, जिससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जाती है और किसानों की आमदनी बढ़ती है। इसके साथ ही, पतंजलि का डिजिटल ऐप किसानों को कृषि संबंधी जानकारी, ऋतु पूर्वानुमान और बाजार के भाव की जानकारी उपलब्ध कराता है।
महिला सशक्तिकरण और पारिस्थितिक लाभ
कंपनी ग्रामीण महिलाओं को औषधीय पौधों की खेती का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। इससे न एकमात्र आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, बल्कि जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिल रहा है। जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है, जल स्रोत निर्मल रहते हैं और संपूर्ण कृषि प्रणाली संतुलित होती है।