पटना में 3831 करोड़ की लागत से बने जेपी गंगा पथ में उद्घाटन के दो दिन बाद ही दरार की संदेश ने हलचल मचा दिया है। यह दरार पिलर नंबर A-3 के पास देखी गई, जिससे निर्माण की गुणवत्ता को लेकर प्रश्न उठने लगे हैं।
पटना गंगा पथ दरार: मंत्री ने दी सफाई, कहा ‘यह दरार नहीं, गैपिंग है
बुधवार (16 अप्रैल) को पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने अवसर पर पहुंचकर माहौल का पड़ताल लिया और कहा, “यह दरार नहीं, बल्कि तकनीकी गैपिंग है, जो सेतु और रोडु के जोड़ पर होती है।”
उन्होंने बताया कि इसमें कोई संरचनात्मक डगर नहीं है और सुधार कार्य शीघ्र आरंभ कर दिया गया है।
विपक्ष का हमला, कांग्रेस ने की न्यायिक जांच की मांग
गंगा पथ में कथित दरार को लेकर कांग्रेस और अन्य विरोधी दलों ने गवर्नमेंट पर निशाना साधा है। कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “बिहार में पुल नहीं बन रहे, बल्कि दुराचार की नींव रखी जा रही है।” उन्होंने इस मामले की न्यायिक अन्वेषण पटना उच्च न्यायालय के प्रचलित न्यायाधीश से कराने की मांग की है।

पटना गंगा पथ दरार: बार-बार पुलों में गड़बड़ी से जनता में चिंता
शकील खान ने यह भी कहा कि 2024 में राज्य भर में छोटे-बड़े एक दर्जन से ज़्यादा पुल टूटने की हादसे हुई हैं, जिससे आमजन का गवर्नमेंट पर विश्वास शक्तिहीन हो रहा है। लगातार ऐसी घटनाओं से निर्माण एजेंसियों की गुणवत्ता पर भारी प्रश्न खड़े हो रहे हैं।
निष्कर्ष
पटना का जेपी गंगा पथ विवाद एक बार फिर बिहार में अधोसंरचना कार्यप्रणाली की पारदर्शिता पर प्रश्न उठा रहा है। तकनीकी मुसीबत या लापरवाही—इसका फैसला अन्वेषण के बाद ही होगा। फिलहाल जनता और विरुद्ध दोनों ही उत्तर मांग रहे हैं।