‘कासवी ई-सिटी’ का मालिक होने का दावा
हैदराबाद। तेलंगाना रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (टीजी रेरा) ने शहर स्थित बिल्डर, रॉय ऑल डायमंड इंफ्रा डेवलपर्स, सिंगरेनी कॉलोनी (Singareni Colony) को धोखाधड़ीपूर्ण गलत बयानी और खरीदारों को धोखा देने के लिए 4,54,682 रुपये का जुर्माना भरने का निर्देश दिया। शिकायतकर्ता, मल्लापुर निवासी मडीकोंडा मल्लेश (Madikonda Mallesh) ने केथवथ नागेश नाइक से संपर्क किया, जिसने इब्राहिमपटनम के फिरोजगुडा गांव में स्थित उद्यम ‘कासवी ई-सिटी’ का मालिक होने का दावा किया , 150 वर्ग गज का प्लॉट खरीदने के लिए और 36 लाख रुपये की कुल राशि के लिए अग्रिम के रूप में 9 लाख रुपये का भुगतान किया।
जमीन ‘कासवी ई-सिटी’ की नहीं, बल्कि ‘सुवर्णलक्ष्मी डेवलपर्स’ की
मल्लेश ने टीजी रेरा को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि केथवथ नागेश नायक ने बिक्री समझौते को निष्पादित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और कई बार याद दिलाने के बाद, आखिरकार बिक्री समझौते को निष्पादित किया। तब से, वह पूरी तरह से अनुत्तरदायी और संपर्क से बाहर हैं। बाद में, शिकायतकर्ता को पता चला कि यह जमीन ‘कासवी ई-सिटी’ की नहीं, बल्कि ‘सुवर्णलक्ष्मी डेवलपर्स’ की है, और उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है और उसे गुमराह किया गया है। टीजी रेरा ने साक्ष्यों का सत्यापन किया और सचिव टीजी रेरा ने बिल्डर को कारण बताओ नोटिस जारी किया, जिसमें स्पष्टीकरण मांगा गया कि प्रतिवादी को परियोजना का विपणन करने और भुगतान एकत्र करने की अनुमति कैसे दी गई।
टीजी रेरा के अध्यक्ष एन सत्यनारायण और दो अन्य सदस्यों ने 19 जुलाई को आदेश जारी कर प्रतिवादी को जुर्माना अदा करने और बिक्री समझौते के अनुसार पूरी राशि 30 दिनों के भीतर 11% की दर से ब्याज सहित वापस करने का निर्देश दिया।
रेरा का क्या काम है?
RERA – Real Estate Regulatory Authority) का मुख्य काम रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता, जवाबदेही और उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित करना है। यह बिल्डरों, प्रॉपर्टी डीलरों और खरीदारों के बीच विवादों को सुलझाने, प्रोजेक्ट्स की निगरानी और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।
RERA के नियम क्या हैं?
रेरा के प्रमुख नियम हैं:
- सभी प्रोजेक्ट्स की रजिस्ट्रेशन अनिवार्य।
- खरीदार को प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी देना आवश्यक।
- प्रोजेक्ट का पैसा अलग बैंक अकाउंट में रखना अनिवार्य।
- डिले होने पर खरीदार को मुआवजा।
- खरीदार और बिल्डर दोनों की शिकायतों का निपटारा 60 दिनों में।
रेरा कब लागू हुआ था?
RERA अधिनियम 1 मई 2017 को पूरे भारत में लागू किया गया था। इसे संसद ने 2016 में पारित किया था। इसका उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर को अधिक संगठित, पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाना है।
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