बड़े पैमाने पर जलभराव से जूझना पड़ रहा
हैदराबाद: पिछले कई सप्ताह से हो रही भारी बारिश (Heavy Rain), जिसके कारण हैदराबाद में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है तथा आम जनता हताश और निराश हो गई है। हैदराबाद (Hyderabad) के लोगों के लिए मानसून ने दोहरी नहीं बल्कि तिहरी मार दी है, क्योंकि उन्हें सड़क ढांचे के ढहने, लगातार बिजली कटौती और बड़े पैमाने पर जलभराव से जूझना पड़ रहा है। ऑफिस के लिए निकलना भी अब ज़्यादातर यात्रियों के लिए एक जुआ बन गया है। उनका रोज़ाना का रास्ता या तो जलमग्न, खुदा हुआ, गड्ढों से भरा होता है या फिर उन्हें घुटनों तक पानी में भरी भारी बारिश के बीच भीड़-भाड़ वाले ट्रैफ़िक में फँसने का जोखिम उठाना पड़ता है।
पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं मुख्य सड़कें
कॉलोनी की आंतरिक सड़कें और यहां तक कि मुख्य सड़कें भी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं, जिससे सभी वाहन चालकों के लिए यात्रा करना बहुत जोखिम भरा हो गया है। हर जगह बारिश का पानी जमा है या जलमग्न है और गड्ढे हैं। सैनिकपुरी निवासी टी प्रकाश कहते हैं कि इस साल, जीएचएमसी मानसून के प्रभाव का अनुमान लगाने में बुरी तरह विफल रही है। मानसून से पहले तैयारी के लिहाज से ज़मीनी स्तर पर काफ़ी काम किया जाना चाहिए था। सड़कों की खस्ता हालत के अलावा, लोग व्यस्त समय में लगने वाले लंबे-चौड़े जाम से भी तंग आ चुके हैं। घुटनों तक पानी और जाम में फंसने की आशंका अब वास्तविक हो गई है, और यह निराशा, लाचारी और गुस्से में बदल गई है।
मेरे पास घर से काम करने का विकल्प नहीं
बंजारा हिल्स स्थित एक कार्यालय में काम करने वाले माधापुर के अयप्पा सोसाइटी निवासी इंद्रनील हाजरा कहते हैं कि मेरे पास घर से काम करने का विकल्प नहीं है। हर दिन, जब मैं काम पर निकलता हूँ, तो मेरे मन में घर लौटने के कष्टदायक अनुभव की चिंता बनी रहती है। नगर निगम, यातायात और जल विभाग के अधिकारी उन रुकावटों और नागरिक मुद्दों को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे हैं जो मानसून के दौरान समस्याएँ पैदा करने वाले थे।

तेलंगाना में हिंदुओं की आबादी कितनी है?
जनगणना 2011 के अनुसार तेलंगाना राज्य की लगभग 85% जनसंख्या हिंदू धर्म का पालन करती है। यहां पर अधिकांश त्योहार, परंपराएं और सांस्कृतिक गतिविधियां हिंदू समाज से जुड़ी होती हैं। हैदराबाद सहित कई क्षेत्रों में हिंदू आबादी का प्रभाव सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में साफ दिखाई देता है।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या था?
भारत के दक्षिणी हिस्से में स्थित इस क्षेत्र को ऐतिहासिक रूप से “तेलंगणा देशम” कहा जाता था। यह नाम तेलुगु भाषी लोगों और उनकी सांस्कृतिक पहचान से जुड़ा हुआ है। निज़ाम शासनकाल में यह क्षेत्र हैदराबाद राज्य का हिस्सा भी रहा, जिसके बाद अलग पहचान के रूप में विकसित हुआ।
तेलंगाना का पुराना नाम क्या है?
इतिहास में तेलंगाना को “तेलुगु अंगन” और “त्रिलिंग देश” जैसे नामों से भी जाना गया। त्रिलिंग शब्द का अर्थ उन तीन प्रमुख शिव मंदिरों से है, जिनसे यह क्षेत्र जुड़ा हुआ है। समय के साथ यह क्षेत्र हैदराबाद राज्य का अहम हिस्सा बना और फिर स्वतंत्र पहचान के रूप में उभरा।
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