Breaking News: Peru: पेरू में Gen Z का बड़ा बगावत

By Dhanarekha | Updated: September 22, 2025 • 11:21 AM

भ्रष्टाचार और पेंशन सुधार से नाराज युवा

लीमा: लैटिन अमेरिकी देश पेरू(Peru) में नेपाल(Nepal) की तर्ज पर युवाओं ने सत्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राजधानी लीमा(Lima) में 20 सितंबर को हजारों प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और पुलिस से हिंसक झड़प हुई। यह आंदोलन मुख्य रूप से जेनरेशन Z यानी नई पीढ़ी के युवाओं का था। उनकी मांगें भ्रष्टाचार पर रोक, आर्थिक असुरक्षा का समाधान और हाल ही में लागू पेंशन सुधार कानून को रद्द करना थीं। पुलिस ने भीड़ को काबू करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे कई लोग घायल हुए

सड़कों पर उतरे हजारों गुस्साए युवा

पेरू(Peru) की राजधानी लीमा में लगभग 500 से अधिक युवाओं ने भ्रष्टाचार और अपराध दर बढ़ने के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि हाल ही में कांग्रेस द्वारा लाए गए निजी पेंशन फंड सुधार से उनकी भविष्य की बचत खतरे में पड़ गई है। इसी के चलते युवाओं का गुस्सा फूटा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एकजुट होकर उन्होंने विरोध की घोषणा की।

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। इस दौरान हुई झड़प में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए, वहीं मीडिया कर्मियों के भी जख्मी होने की खबर है। भीड़ ने नारेबाजी के साथ बैनर और डिजिटल पोस्टर्स के जरिए सरकार के खिलाफ माहौल बनाया।

नेपाल से मिलते-जुलते हालात

नेपाल में भी हाल ही में जेन Z के युवाओं ने सरकार के खिलाफ बड़े स्तर पर आंदोलन किया था। वहां भी सोशल मीडिया, मीम्स और पॉप कल्चर प्रतीकों का इस्तेमाल कर सरकार-विरोधी नारों को फैलाया गया। पेरू के प्रदर्शनकारियों ने ‘वन पीस’ जैसे एनीमे प्रतीकों को झंडे के रूप में लहराया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि दोनों देशों में युवाओं के विरोध के तरीके काफी हद तक समान हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार यह आंदोलन दिखाता है कि जेन Z अब सिर्फ वोटर बनकर नहीं रहना चाहता, बल्कि राजनीति का सक्रिय भागीदार बनने को तैयार है। उनकी मांगें सीधी हैं—भ्रष्टाचार पर लगाम, अपराध पर रोक और आर्थिक सुरक्षा की गारंटी।

राष्ट्रपति की लोकप्रियता में आई गिरावट

पेरू(Peru) की राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे की लोकप्रियता पिछले कुछ महीनों में तेजी से गिरी है। अपराध और भ्रष्टाचार पर नियंत्रण न कर पाने के कारण जनता में असंतोष बढ़ रहा है। इतना ही नहीं, हाल ही में वेतन वृद्धि का फैसला भी सरकार की आलोचना का बड़ा कारण बना।

बोलुआर्टे का कार्यकाल अगले वर्ष समाप्त होना है, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी सत्ता पर संकट मंडराता दिख रहा है। जनमत सर्वे बताते हैं कि पेरू की कांग्रेस और सरकार को आम लोग भ्रष्ट मानते हैं और यही कारण है कि विरोध प्रदर्शन लगातार तेज हो रहे हैं।

पेरू के युवा सरकार से किस मुद्दे पर नाराज हैं?

युवाओं का मानना है कि पेंशन सुधार से उनकी बचत पर खतरा मंडरा रहा है। साथ ही, बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार ने उनकी चिंता और गुस्से को और बढ़ा दिया है। यही कारण है कि उन्होंने सोशल मीडिया के सहारे विरोध को संगठित किया।

नेपाल और पेरू के प्रदर्शनों में क्या समानताएं हैं?

दोनों देशों में जेनरेशन Z ने डिजिटल माध्यम और सांस्कृतिक प्रतीकों का इस्तेमाल कर सरकार-विरोधी आंदोलन को धार दी। नेपाल में प्रधानमंत्री पर दबाव पड़ा, तो पेरू में भी राष्ट्रपति की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है।

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