फोटोग्राफरों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच
हैदराबाद। विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day) 2025 के उपलक्ष्य में, हैदराबाद विश्वविद्यालय (UOH) का संचार विभाग एक फोटोग्राफी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है, जो सभी फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए खुली है। इस पहल का उद्देश्य रचनात्मक दृश्य कहानी कहने को प्रोत्साहित करना और महत्वाकांक्षी फोटोग्राफरों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना है।

विश्वविद्यालय परिसर में फोटो प्रदर्शनी
यह प्रतियोगिता निशुल्क है और इसका समापन 19 से 23 अगस्त तक विश्वविद्यालय परिसर में एक फोटो प्रदर्शनी के साथ होगा। इसके अलावा, 19 और 20 अगस्त को फोटोग्राफी और दृश्य मीडिया के क्षेत्र की प्रतिष्ठित हस्तियों द्वारा वार्ता भी होगी, ऐसा यूओएच ने कहा। प्रतिभागी अपनी सर्वश्रेष्ठ फ़ोटोग्राफ़िक कृतियाँ 10 अगस्त (शाम 5 बजे) तक या उससे पहले प्रस्तुत कर सकते हैं। प्रतियोगिता में सभी पात्र प्रतिभागियों को तीन पुरस्कार, तीन योग्यता प्रमाणपत्र और भागीदारी प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएँगे।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास क्या है?
इस दिवस की शुरुआत 19 अगस्त 1839 को फ्रांस में हुई जब डागुएरियोटाइप नामक पहली व्यावहारिक फोटो प्रक्रिया सार्वजनिक की गई। फ्रांसीसी सरकार ने इसे मानवता को उपहार के रूप में घोषित किया। तभी से इस दिन को फोटोग्राफी के महत्व के रूप में मनाया जाता है।
विश्व फोटोग्राफी दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल 19 अगस्त को यह दिन मनाया जाता है। इसका उद्देश्य फोटोग्राफी की कला, विज्ञान और उसके सामाजिक प्रभाव को सम्मान देना है। इस दिन दुनिया भर के फोटोग्राफर अपनी रचनात्मकता को साझा करते हैं और फोटोग्राफी समुदाय को प्रेरित करते हैं।
भारत में फोटोग्राफी कब शुरू हुई थी?
देश में इस कला की शुरुआत 19वीं सदी के मध्य में हुई, जब ब्रिटिश अधिकारी और यात्री कैमरे लेकर आए। पहली तस्वीरें कोलकाता और मुंबई जैसे शहरों में ली गईं। धीरे-धीरे यह तकनीक भारतीय राजाओं और अभिजात वर्ग के बीच लोकप्रिय होने लगी।
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