Telangana में सितारामा प्रोजेक्ट का खंभा ढह गया

सुप्रीम कोर्ट

Telangana में सितारामा प्रोजेक्ट का खंभा गिरा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

तेलंगाना के बहुप्रतीक्षित सितारामा प्रोजेक्ट को लेकर एक गंभीर तकनीकी चूक सामने आई है। इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना के तहत बनाए जा रहे एक विशाल खंभे (पिलर) के अचानक गिरने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि इस घटना में कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन इससे निर्माण की गुणवत्ता पर गहरे सवाल उठने लगे हैं।

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क्या है सितारामा प्रोजेक्ट?

सितारामा प्रोजेक्ट लिफ्ट सिंचाई परियोजना Telangana सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य गोदावरी नदी के जल का उपयोग कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। यह प्रोजेक्ट खम्मम और भद्राद्री कोठागुडेम जिलों में हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई. इस मामले पर कोर्ट दोपहर दो बजे सुनवाई शुरू हुई थी. इससे पहले बुधवार को भी अदालत में सुनवाई हुई थी. इस दौरान मुस्लिम पक्ष और केंद्र सरकार ने अपनी-अपनी दलीलें पेश की थी.

कोर्ट ने बुधवार को संकेत दिए थे कि वह इसे लेकर अंतरिम

कोर्ट ने बुधवार को संकेत दिए थे कि वह इसे लेकर अंतरिम आदेश दे सकती है. इस पर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा था कि अंतरिम आदेश जारी करने से पहले उसकी दलीलें सुनी जाए. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. तीन जजों की बेंच ने वक्फ कानून के तीन प्रावधानों पर रोक का प्रस्ताव दिया है. इसमें वक्फ घोषित संपत्तियों को डिनोटिफाइ न करने का अंतरिम आदेश हो सकता है. कलेक्टर की शक्तियों को लेकर भी अंतरिम आदेश आ सकता है. वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को शामिल करने पर भी कोर्ट अंतरिम आदेश दे सकता है | 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में नए वक्फ कानून के खिलाफ 73 याचिकाएं दायर हुई हैं. कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती दी गई है. याचिकाओं में दावा किया गया है कि संशोधित कानून के तहत वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन असामान्य ढंग से किया जाएगा और यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है.

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