Pitru Dosh: पितृदोष: पीढ़ियों तक चलने वाला प्रभाव

By Dhanarekha | Updated: September 11, 2025 • 10:46 AM

लक्षण और उपाय

पितृदोष(Pitru Dosh) एक ऐसा दोष है जिसका प्रभाव केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह पीढ़ियों(Generations) तक परिवार को प्रभावित करता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, इसका प्रभाव सात पीढ़ियों तक रह सकता है। हालाँकि, यह भी माना जाता है कि जब तक पितृदोष की शांति के लिए उपाय नहीं किए जाते, तब तक यह किसी न किसी रूप में परिवार के सदस्यों को प्रभावित करता रहता है। यह जरूरी नहीं है कि परिवार के सभी सदस्यों को इसका सामना करना पड़े; यह व्यक्ति के कर्मों पर भी निर्भर करता है, इसलिए एक ही परिवार में अलग-अलग संतानों(Off Springs) पर इसका प्रभाव अलग-अलग हो सकता है। यह दोष अक्सर उस व्यक्ति की कुंडली में दिखता है, जिसके पूर्वजन्म के कर्म कमजोर होते हैं

पितृदोष के लक्षण और कारण

पितृदोष(Pitru Dosh) से पीड़ित व्यक्ति हमेशा क्रोध, निराशा और अवसाद से घिरा रहता है। परिवार में वंश वृद्धि में समस्याएँ आती हैं, और घर में अक्सर दुर्घटनाएँ होती रहती हैं। परिवार के सदस्यों को सफलता नहीं मिल पाती और घर में सुख-समृद्धि की कमी रहती है। गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृदोष(Pitru Dosh) तब लगता है जब परिवार का मुखिया किसी जीव-जंतु, साँप या असहाय व्यक्ति की हत्या करता है या उन पर अत्याचार करता है। ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी की कुंडली में दूसरे, आठवें और दसवें भाव में सूर्य के साथ राहु या केतु होते हैं, तो पितृदोष बनता है।

पितृदोष से मुक्ति के उपाय

गरुड़ पुराण में पितृदोष(Pitru Dosh) से मुक्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। पितृ पक्ष के दौरान पितरों की शांति के लिए हवन-पूजन कराना चाहिए। पितरों को जल और तिल अर्पित करें, और ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को भोजन कराएँ। अपने कुल देवी-देवता की पूजा करें, क्योंकि उनके नाराज होने पर भी पितृदोष(Pitru Dosh) बना रहता है। महामृत्युंजय मंत्र का पाठ और हवन कराएं, और सवा लाख शिवलिंग की पूजा करें। किसी भी शुभ अवसर पर कुल देवी-देवता को वस्त्र और चढ़ावा भेंट करें और उनका आशीर्वाद लें। गरुड़ पुराण के अनुसार, जब तक पितरों की शांति के लिए जप और तप नहीं किया जाता, तब तक इस दोष से मुक्ति नहीं मिलती।

पितृदोष कितने समय तक रह सकता है?

मान्यताओं के अनुसार, पितृदोष(Pitru Dosh) सात पीढ़ियों तक रह सकता है। जब तक इसकी शांति के लिए उपाय नहीं किए जाते, तब तक यह परिवार को प्रभावित करता रहता है।

गरुड़ पुराण के अनुसार पितृदोष के क्या कारण हैं?

गरुड़ पुराण के अनुसार, पितृदोष(Pitru Dosh) का कारण किसी जीव-जंतु, साँप या असहाय व्यक्ति की हत्या या उन पर अत्याचार करना है।

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