किसान और विज्ञान के संगम पर जोर
विकसित कृषि संकल्प अभियान को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि अब बाज़ार बदल रहा है, ग्राहकों की प्राथमिकताएँ भी बदल रही हैं। इसलिए हमारा विनम्र प्रयास है कि किसानों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर कृषि-व्यवस्थाओं में बदलाव लाया जाए, किसानों के साथ चर्चा की जाए कि भारत की कृषि और अधिक आधुनिक कैसे बने। उन्होंने कहा कि इसी अभियान के तहत हमारे वैज्ञानिकों की टीम ‘लैब टू लैंड’ की मुहिम को आगे बढ़ा रही है।
किसानों ने प्रयोगों से कृषि क्षेत्र में लाए हैं बड़े बदलाव
मोदी ने कहा कि बीते दशकों में हमारे कृषि वैज्ञानिकों ने कई क्षेत्रों में अच्छे शोध किए हैं, बेहतर नतीजे दिए हैं। वहीं दूसरी ओर हमारे देश के प्रगतिशील किसानों ने भी अपने प्रयोगों से कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए हैं, उत्पादन बढ़ाया है और सफल प्रयोग किए हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों के सफल शोध और प्रगतिशील किसानों के सफल प्रयोगों की जानकारी हमारे सभी किसानों तक पहुंचना बहुत जरूरी है। इस दिशा में आप सभी शुरू से ही प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अब इसे नए जोश के साथ करने की जरूरत है। ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ से आपको इसके लिए भरपूर अवसर मिलेंगे।
भारत की कृषि का भी विकसित होना ज़रूरी
प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के लिए भारत की कृषि का भी विकसित होना ज़रूरी है। ऐसे कई विषय हैं जिन पर केंद्र सरकार का निरंतर ध्यान रहा है। जैसे, किसानों को उनकी उपज का सही दाम कैसे मिले, कृषि अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत हो, देश की ज़रूरतों के हिसाब से फसलें कैसे उगाई जाएँ, भारत अपनी ज़रूरतों के साथ-साथ दुनिया की ज़रूरतों को कैसे पूरा करे, भारत दुनिया का अन्न भंडार कैसे बने, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से कैसे निपटा जाए, कम पानी में ज़्यादा फसलें कैसे उगाई जाएँ, मिट्टी को हानिकारक रसायनों से कैसे बचाया जाए, खेती को कैसे आधुनिक बनाया जाए, विज्ञान और तकनीक खेतों तक कैसे पहुँचे। ऐसे सभी विषयों पर पिछले 10-11 वर्षों में हमारी सरकार ने काफ़ी काम किया है। अब इस अभियान के तहत हमारे किसानों को ज़्यादा से ज़्यादा जागरूक करना है।
भारत का खरीफ 2023 उत्पादन 155.77 मीट्रिक टन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ओडिशा के पुरी के पास एक समारोह में 15 दिवसीय “विकसित कृषि संकल्प अभियान” (भारत के लिए विकसित कृषि के निर्माण का अभियान) का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य किसानों और कृषि अनुसंधान के बीच संबंध को बेहतर बनाना है। खरीफ 2025 के लिए 168.88 मिलियन टन (एमटी) खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित करते हुए, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस महीने की शुरुआत में लगभग 2 करोड़ किसानों को कवर करने और लक्ष्य हासिल करने में मदद सुनिश्चित करने के लिए अभियान शुरू करने की योजना की घोषणा की थी।
चौहान ने बुधवार को कहा कि 2024 के खरीफ सीजन में देश में 168.07 मीट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ। विशेषज्ञों ने कहा कि लक्ष्य आसानी से प्राप्त किया जा सकता है, जिसके लिए 15-दिवसीय कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि केवल एक सत्र में खाद्यान्न उत्पादन में 12.3 मीट्रिक टन की वृद्धि हुई थी। भारत का खरीफ 2023 उत्पादन 155.77 मीट्रिक टन था। एक वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने कहा, ‘महत्वाकांक्षा अधिक होनी चाहिए ताकि सभी हितधारक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए प्रेरित हों।’