वक्फ संशोधन बिल पर पीएम PM Modi की प्रतिक्रिया: “संसद की मंजूरी ऐतिहासिक क्षण”
संसद में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 (Waqf Amendment Bill 2025) को दोनों सदनों से पारित किए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र PM Modi ने इसे “ऐतिहासिक क्षण” बताते हुए इसका स्वागत किया है। इस बिल के पारित होने से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
यह विधेयक न सिर्फ वक्फ बोर्डों की जवाबदेही तय करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग सामाजिक, शैक्षणिक और धार्मिक उद्देश्यों के लिए सही तरीके से हो।

वक्फ संशोधन विधेयक 2025: क्या है इसका उद्देश्य?
वक्फ संपत्तियां आमतौर पर मुस्लिम समुदाय द्वारा दान की गईं होती हैं, जिनका इस्तेमाल समुदाय की भलाई के लिए किया जाता है। लेकिन पिछले कई वर्षों से इन संपत्तियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की खबरें आती रही हैं। ऐसे में सरकार ने इन मुद्दों पर सख्ती से नियंत्रण लाने के लिए यह संशोधन पेश किया।
प्रमुख बदलाव:
- वक्फ संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग और पंजीकरण अनिवार्य किया गया।
- अवैध कब्जों को हटाने के लिए त्वरित कानूनी प्रक्रिया।
- संपत्तियों की लीज़, स्थानांतरण और बिक्री पर पारदर्शिता सुनिश्चित की गई।
- वक्फ बोर्ड के संचालन और लेखा परीक्षण को अधिक संगठित और उत्तरदायी बनाया गया है।
पीएम PM Modi का विस्तृत बयान
प्रधानमंत्री PM Modi ने बिल पास होने पर ट्वीट कर लिखा:
“यह विधेयक न्याय और पारदर्शिता की ओर एक बड़ा कदम है। इससे वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार आएगा और समुदाय को इसका वास्तविक लाभ मिलेगा। संसद का यह निर्णय भारत के लोकतंत्र को मजबूत करता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “देश में सभी धार्मिक और सामाजिक संस्थानों को जवाबदेह होना चाहिए। यही सशक्त भारत की दिशा में एक ठोस कदम है।”
विपक्ष की प्रतिक्रिय
जहां एक ओर सत्तारूढ़ दल ने इस बिल की जमकर सराहना की, वहीं विपक्ष ने इसे लेकर कुछ चिंताएं भी जाहिर कीं।
- कांग्रेस और AIMIM जैसे दलों ने आरोप लगाया कि यह बिल वक्फ संस्थानों की स्वायत्तता को प्रभावित कर सकता है।
- कुछ नेताओं ने कहा कि वक्फ बोर्डों की शक्तियों को कम करके सरकार राजनीतिक नियंत्रण चाहती है।
हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि इस बिल का उद्देश्य केवल पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करना है, न कि किसी समुदाय को प्रभावित करना।
असर और संभावित परिणाम
बिल के पास होने के बाद वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में आर्थिक हानि, अवैध कब्जे, और प्रशासनिक भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लगाम लगाई जा सकेगी।
संभावित फायदे:
- धार्मिक संस्थानों में विश्वास बढ़ेगा।
- आर्थिक संसाधनों का सही इस्तेमाल होगा।
- सामुदायिक विकास में तेजी आएगी।
- डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूती मिलेगी।
राज्यों में असर
भारत के कई राज्यों में वक्फ संपत्तियों की संख्या लाखों में है। उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे राज्यों में इस बिल के लागू होने से बड़े स्तर पर बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
कई राज्यों में वक्फ संपत्तियां अवैध कब्जे या लंबे समय से चल रहे विवादों में फंसी हैं, जिन्हें इस कानून से साफ किया जा सकता है।
सामाजिक संगठनों की राय
कई मुस्लिम सामाजिक संगठनों और सुधारवादी समूहों ने इस बिल का समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि अब वक्फ संपत्तियां शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में बेहतर इस्तेमाल हो पाएंगी।
कुछ संगठनों ने मांग की है कि इसके क्रियान्वयन को भी सख्ती से लागू किया जाए, ताकि इसका लाभ सही हाथों तक पहुंचे।